रायपुर: छत्तीसगढ़ के 14580 अभ्यर्थियों नौकरी पाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. कारण सरकार ने शिक्षक भर्ती की वैधता को बढ़ा दिया है. इसे लेकर अभ्यर्थियों में भारी असंतोष है और वो 5 सितंबर से फिर से सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. 


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कब निकली थी भर्ती?
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही सरकार ने 14580 शिक्षकों की भर्ती निकाली थी. भर्ती प्रक्रिया में लिखित परिक्षा पात्रता के लिए सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सरकार इससे पहले की पात्रता सूची जारी करती कोरोना महामारी का दौर शुरू हो गया. इस कारण अब तक​ शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लंबित है. 


22 अगस्त को किया था प्रदर्शन
जल्द भर्ती को लेकर 14580 शिक्षकों ने 22 अगस्त को आंदोलन किया था. इसके बाद शिक्षक भर्ती में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से मिली पात्र अभ्यर्थियों की सूची को तीन साल तक बढ़ा दिया गया है. क्योंकि एक बार पात्र होने पर तीन साल रिजल्ट की वैधता होती है.


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2019 से मांग रहे हक
छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती 2019 के अभ्य​र्थी सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. भर्ती प्रक्रिया के एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक 14580 शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है. इसे लेकर छात्रों ने पहले सोशल मीडिया पर अपना विरोध जताया था. फिर रायपुर के बुढ़ा तालाब में धरना देकर भर्ती करने की मांग उठाई थी. 


भाजपा ने भी मिलाया अभ्यर्थियों के सुर में सुर
वैधता बढ़ाए जाने के बाद छात्र फिर से 5 सितंबर को आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. इस बार पहले से बड़ा आंदोलन करने की बात चयनित अभ्यर्थी कह रहे हैं. वहीं अभ्यर्थियों के सुर में सुर मिलाते हुए भाजपा ने भी कांग्रेस की भूपेश सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा का कहना है कि सरकार नियुक्तियां ने देकर सिर्फ मियाद ही बढ़ा रही है. जबकि अभ्यर्थी डेढ़ साल से भर्ती पूरा होन का इंतजार कर रहे हैं.


बीजेपी को दिक्कत ही दिक्कत 
वहीं इस मामले पर कांग्रेस का कहना है कि, पूर्व सीएम रमन सिंह ने ही पत्र लिखकर एक साल में वैधता खत्म हो जाने की बात कही थी, अब रिजल्ट की वैधता बढ़ रही है. इसमें भी बीजेपी को दिक्कत है. हमारी नियत साफ हम भर्ती करना चाहते हैं इसलिए मियाद बढ़ाई गई है. 


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