भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. कितने ऐसे गरीब हैं जो बेघर हो गए, तो कईं मवेशियों को पानी का बहाव अपने साथ बहा के ले गया.
बड़वानी में भी नर्मदा उफान पर पहुंची. ओंकारेश्वर और बारघी बांध के गेट खोले जाने के बाद नर्मदा का जलस्तर 128,300 मीटर पंहुच गया. जो खतरे के निशान से ऊपर है.
बेमेतरा में भी बारिश के कारण शिवनाथ नदी और सुरही नदी में बहाव खतरे के ऊपर पहुंचा. नदी किनारे बसे 100 से ज्यादा गांव को अलर्ट किया गया.
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में महानदी में पानी सबरी सेतु के 3 फिट ऊपर पहुंचा. महानदी, हसदेव नदी सहित तमाम नदी और नाले उफान पर पहुंच गए.
छत्तीसगढ़ के मुंगेली में भी बारिश ने जमकर कोहराम मचाया. जिला अरपा नदी, नर्मदा नदी सहित सहायक नदियों के कहर से डूबा रहा.
छिंदवाड़ा में फसल के साथ-साथ लोगों के घर टूट गये, कई जानवर बह गये हैं. सड़कों पर बाढ़ के हालात, खटिया पर बैठाकर गर्भवती को नदी पार कराई गई.
मंदसौर में चंबल नदी के कैचमेंट एरिया में हुई तेज बारिश के बाद चंबल नदी में बाढ़ के हालात पैदा हो गए. चंबल नदी में मिलने वाली अन्य नदियां कालीसिंध, शिप्रा, शिवना, मलेनी समेत अन्य नदियों में भी खतरे से ऊपर बहा पानी.
हरदा में नर्मदा में बाढ़ के पानी से सड़क जगह-जगह से पानी में बह गई. जिसके चलते नेशनल हाईवे-59 A को लगभग 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया.
सिवनी में भारी बारिश से दो पुल के बारिश में बह गए. जिले के ग्राम भीमगढ़ के पास बैन गंगा नदी में बने संजय सरोवर बांध के सभी 10 गेट खोले गए.
रतलाम में बूंदी नदी उफान पर आ गई. नदी के पानी से चारों ओर बाढ़ आ गई और आसपास के इलाके पानी में डूब गए.
खरगोन में नर्मदा नदी में बाढ़ से जिले में स्थिति बिगड़ गई. नर्मदा तटीय क्षेत्र के गांव पानी में डूबे
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