कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने सत्तापक्ष से कहा कि रमन सरकार घमंडी हो गई है.
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नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सरकार के खिलाफ विपक्ष के लाए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है. चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि जब जनता का विश्वास सरकार से टूट जाता है, तब विपक्ष का दायित्व होता है कि वह जनता की भावनाओं को ध्यान में रखकर सरकार के प्रति अविश्वास जताए. उन्होंने सत्तापक्ष से कहा कि सरकार घमंडी हो गई है. हम सरकार की गैरत जगाने के लिए खड़े हुए हैं. अभी भी आप अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं. आज बस्तर से लेकर सरगुजा तक चारों ओर जनता कुशासन से त्रस्त है. प्रदेश के कई हिस्सों में पड़ रहे सूखे को लेकर भी लोग सरकार पर ठीकरा फोड़ रहे हैं.
प्रदेश में पड़ रहा सूखा सरकार के पाप का फल- कांग्रेस
साहू ने कहा कि 15 साल के पाप का फल है कि प्रदेश लगातार सूखे के हालात से गुजर रहा है. सरकार की आमदनी यूं ही नहीं बढ़ गई है, बल्कि प्राकृतिक संपदा का दोहन कर सरकार का बजट 90 हजार करोड़ तक जा पहुंचा है. पर्यावरण की चिंता किए बगैर प्राकृतिक संपदा का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है. दोहन के बाद जो आय बढ़ रही है उसमें से कितनी राशि किसानों, कर्मचारियों और युवाओं के लिए खर्च हो रही है, इसका सरकार जवाब दे. दोहन का लाभ चंद लोगों के हाथों में जा रहा है. सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी तादाद में आयोग व मंडल बना दिए गए हैं, जबकि इनमें से ज्यादातर का सरकार में योगदान नहीं है. आयोग व मंडल का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनाकर कुछ लोगों को सिर्फ उपकृत किया गया है. सरकारी कार्यालयों में बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं हो रहा. सिटीजन चार्टर का कोई लाभ नहीं है. छोटे दफ्तर से मंत्रालय तक बिना भ्रष्टाचार काम नहीं हो रहा है. विपक्षी राजनीतिक जनप्रतिनिधियों को दबाने-कुचलने के लिए सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष बघेल को झूठे मामले में फंसाया- कांग्रेस
साहू ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को झूठे प्रकरण में फंसाया जा रहा है. देवती कर्मा, विमल चोपड़ा के साथ अत्याचार हो रहा है. कोई वर्ग सरकार से खुश नहीं है. ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो आंदोलनरत न हो. शिक्षाकर्मी, आंगनबाड़ी, मितानिन, कर्मचारी सब हड़ताल पर हैं. मुख्यमंत्री की विकास यात्रा के क्या मायने हैं, यह जनता को समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल गंगरेल में पानी रहते हुए किसानों को पानी नहीं दिया गया. पानी के लिए 3200 किसानों ने गिरफ्तारी दी. केस दर्ज किया गया. किसानों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की गई. लाठीचार्ज में सलोनी गांव के किसान की मौत हो गई. आंदोलनकारी नर्सो के साथ जेल में दुर्व्यवहार किया गया.
रमन सरकार ने नहीं किए वादे पूरे
कांग्रेस विधायक ने कहा कि धमतरी में 44 निर्दोष किसानों के साथ मारपीट की गई थी. प्रदेश में खेती का रकबा कम होता जा रहा है. रकबा छह लाख से अधिक घट गया है. कृषि की हालत बदतर हो गई है. सरकार की ओर से समर्थन मूल्य 2100 रुपये देने, 300 रुपये बोनस हर साल देने और एक-एक दाना धान खरीदने की बात कही गई थी. ये वादे पूरे न होने से लोगों का सरकार से भरोसा टूटा है. आपको बता दें कि रमन सरकार के इस कार्यकाल में तीसरी बार विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव सामने आया है.
(इनपुट एजेंसी से)