छत्तीसगढ़ में 4 साल की बच्ची से हैवानियत, 22 दिन तक इलाज के लिए भटकती रही मासूम
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कुरूद में चार से की बच्ची के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है. जहां बच्ची के साथ बलात्कार के बाद डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज से भी मना कर दिया. डीएसपी के हस्तक्षेप के बाद शुरू हुआ बच्ची का इलाज.
Kurud News: छत्तीसगढ़ के कुरूद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां एक 4 साल की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ. जब बच्ची घर पहुंची और उसके परिजनों ने बच्ची को अस्त-व्यस्त अवस्था में देखा तो गांव के अस्पताल में इलाज के लिए गई लेकिन वहां के डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया. दरअसल, कुरूद में चार साल की मासूम से एक नाबालिग ने ठेले में घुमाने के नाम पर दुष्कर्म कर लिया. मासूम जब देर शाम घर लौटी तो खून से लथपथ थी. दर्द से रोती-चिल्लाती मासूम को देख परिजन दंग रह गए. मासूम काफी सहमी और डरी हुई थी.
परिजन ने गांव के डॉक्टरों से ही प्राथमिक इलाज करवाना चाहा लेकिन डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया. दूसरे दिन परिजनों ने बच्ची को सिविल अस्पताल कुरूद में इलाज के किए भर्ती कराया. इसके बाद घटना की जानकारी कुरूद पुलिस को दी गई. आनन-फानन में डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया. मासूम को चार टांके लगाकर इलाज किया गया. इधर, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी नाबालिग को अपने कस्टडी में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया है.
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तीन दिन तक चलता रहा इलाज
तीन दिन तक मासूम का इलाज सिविल अस्पताल कुरूद में चला. उसके बाद डॉक्टरों ने अस्पताल से पीड़िता को छुट्टी दे दी. इस बीच कुरूद पुलिस परिजन के ऊपर दबाव डालते रही थी कि वो मीडिया में ना जाए. 8वें दिन मासूम को फिर दर्द शुरू हुआ. परिजनों ने फिर से बच्ची को कुरूद अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज करवाना शुरू किए. करीब 8 दिन इलाज के बाद परिजन को डाक्टरों ने सोनोग्राफी के लिए कहा. परिजनों ने बच्ची को सोनोग्राफी के लिए जिला अस्पताल लाया लेकिन जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन खराबी का बहाना देकर बिना इलाज किए परिजन को वापिस लौटा दिया गया. साथ ही जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने पुलिस को साथ लेकर आने को कहा. दर्द से कराहती मासूम को परिजन फिर कुरूद ले गए और कुरूद डीएसपी रागिनी मिश्रा से मुलाकात कर अपनी पूरी व्यथा सुनाई.
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डीएसपी ने तत्काल लिया संज्ञान
डीएसपी को जैसे ही इस मामले के बारे में पता चला डीएसपी ने तत्काल संज्ञान में लेकर जिला अस्पताल को पत्र लिखा. तब जाकर दूसरे दिन 10 अक्टूबर को परिजन के द्वारा जिला अस्पताल में मासूम को भर्ती करवाया गया. इस बीच इलाज को तरसती मासूम को 22 दिन लग गए तब जाकर इलाज शुरू हुआ
धमतरी से सुभाष साहेब की रिपोर्ट