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दिव्यांश शर्मा/बलौदाबाजार: मानसून आते ही मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. ये बदलता मौसम जितना गर्मी से में देता है. उतनी ही बीमारियां भी अपने साथ लेकर आता है. ये बीमारियां लग जाए तो आफत बन जाती हैं. जरा सी लापरवाही जिंदगी पर भी भारी पड़ जाती है. एक ऐसी ही बिमारी है डायरिया. ये बिमारी सबसे ज्यादा बच्चों को होती है. पांच साल तक के बच्चे डायरिया की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं. बरसात के मौसम में डायरिया की आशंका सबसे ज्यादा होती है. छत्तीसगढ़ का बलौदाबाजार इस तरह के मामलों में बेहद संवेदनशील है. यहां 10 दिनों में 78 से ज्यादा लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं.
टिकरी पारा में एक मां और उसके बेटे की डायरिया से मौत हो गई है, जिसके बाद से आसपास के लोग डरे और सहमे हुए हैं. स्थानीय स्तर पर मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने की कवायद भी जारी है. डायरिया के प्रकोप के बाद इस बिमारी से खुद को और परिवार को बचाने के लिए आपके लिए डायरिया से जुड़ी हर जानकारी जानना बेहद जरुरी है.
क्या होता है डायरिया ?
जब एक ही दिन में 3 से अधिक बार पतला मल यानि लूस स्टूल पास हो या आसान भाषा में कहे तो बार-बार दस्त लगे या लूस मोशन हो जाए तो इसे डायरिया कहा जाता है.ये एक बीमारी है.डायरिया भी 2 दो तरह का होता है.
(1) एक्यूट डायरिया
सामान्य हालातों में मरीज हफ्ते भर में ठीक हो जाता है. इस तरह का डायरिया वाइरस या पैरासाइट के कारण होता है.
(2) क्रॉनिक डायरिया
जब बीमारी हफ्ते भर से ज्यादा रह जाए तो उसे क्रॉनिक कहा जाता है.इसमें डाइजेशन सिस्टम पूरी तरह से बिगड़ता चला जाता है.दिन में पांच या इससे अधिक बार मल आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना बेहद जरुरी हो जाता है.
क्यों होता है डायरिया ?
डायरिया होने के वैसे तो कई कारण है.जो मुख्य वजह हैं उन्हें जान लें.आप पहले से ही सतर्क रहेंगे तो इस मौसम में डायरिया से बचें रहेंगे.
(1) सबसे बड़ी वजह है बासी या खराब भोजन का सेवन
(2) गंदा और प्रदूषित पानी
(3) शरीर में पानी की कमी होना
(4)आंतों में बैक्टीरिया का संक्रमण
(5) पाचनशक्ति कमजोर होना
(6) आसपास फैली गंदगी और कचरा
डायरिया होने पर क्या करें ?
(1)बाहर का खाना ना खाएं
(2)आसपास साफ-सफाई का रखें ख्याल
(3)पानी और तरल पदार्थ भरपूर मात्रा में लें
(4)पानी को उबाल कर ठंडा करके पिएं
(5)छाछ और दही का कर सकते हैं सेवन
(6)चावल का सेवन भी है लाभदायक
(7)मूंग की खिचड़ी और साबूदाना खाएं
(8)फल और सब्जियों को खाने से पहले धो लें
सामान्य घरेलू उपायों और उपचार से भी डायरिया काबू में न आए तो बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं.छोटे बच्चों के मामले में और सावधानी बरते और बिना देर किए डॉक्टर को दिखाए.किसी तरह का कोई रिस्क ना लें.
अगर डायरिया का इलाज सही वक्त पर न किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है.आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है. बस जानकारी पूरी होनी चाहिए.सावधानी में ही आपके परिवार की सुरक्षा है.