अब मात्र 100 रुपये में होगा RTO का ये काम, लोगों को होगा शुद्ध 2000 का प्रॉफिट
CG News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में आम लोगों के लिए अच्छी खबर है. अब राज्य के लोगों की जेब से 2000 रुपये जाने से बच (save upto rs 2000) जाएंगे. ऐसा परिवहन केंद्र से नाम ट्रांसफर (vehicle name transfer) की सुविधा शुरू करने से होगा. इस काम के लिए मात्र 100 रुपये ही एक्स्ट्रा देनें होंगे.
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अब सेकंड हैंड गाड़ियों की खरीद-बिक्री नाम ट्रांसफर (vehicle name transfer) के लिए आरटीओ दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी. ये काम लोग परिवहन केंद्र से ही करा सकेंगे. यहां उन्हें महज 100 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा. इस नई प्रक्रिया से लोगों की काफी बजत होगी. क्योंकि अभी RTO दफ्तर में इस काम के लिए दलाल 2000 रुपये तक चार्ज (save upto rs 2000) करते हैं. ऐसे में अब जो लोग गाडियों की खरीद-बिक्री कर रहे हैं उनकी जेब से 2000 रुपये तक की बचत होगी.
मात्र 100 रुपये लगेंगे अतिरिक्त
छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग आज से आधार ऑथेंटिकेशन नाम से योजना शुरू कर रहा है. इसमें वाहन खरीद-बिक्री करने वाले अपने नजदीकी परिवहन सुविधा केंद्र पर जातकर आसानी से नाम ट्रांसफर करा सकेंगे. इस सुविधा के लिए उन्हें नाम ट्रांसफर शुल्क से 100 रुपये अतिरिक्त देने होंगे और उनकी गाड़ी का ट्रांसफर हो जाएगा. इसके बाद वो दलालों के चक्कर से आजाद हो जाएंगे.
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प्रदेश में हैं 500 केंद्र
छत्तीसगढ़ में 500 सुविधा केंद्र हैं. इनमें से अकेले राजधानी रायपुर में 50 केंद्र हैं. फिलहाल यहां परिवहन संबंधित कामों के लिए केवल ऑनलाइन फार्म भरने का काम होता है. अब यहां आधार ऑथेंटिकेशन शुरू हो रहा है. यहां बैठा कर्मचारी परिवहन विभाग के डेटा से गाड़ी नंबर और मालिक की जांच करेगा और उसे संबंधित व्यक्ति के नाम ट्रांसफर कर देगा.
कितना लगता है?
प्रदेश में अभी अलग-अलग तरह की गाड़ियों के नाम ट्रांसफर के लिए अलग-अलग फीस है. टू व्हीलर के लिए ये फीस 400 रुपए, लाइट मोटर व्हीकल के लिए 550 रुपए और थ्री व्हीलर का 750 रुपए है. अब नाम ट्रांसफर के लिए परिवहन केंद्र पर आधार ऑथेंटिकेशन के 100 रुपये और देने होंगे. अभी तक इसके लिए RTO में दलाल 2000 रुपये तक ले लेते हैं. इससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा.
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2 लाख गाड़ियों का होता है ट्रांसफर
छत्तीसगढ़ में जारी RTO के आंकड़ों के अमुसार, साल भर में करीब दो लाख सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदी और बेची जाती हैं. इनका रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ट्रांसफर काफी झंझट भरा होता है. आरसी ट्रांसफर कराने के इस काम के लिए RTO दलाल जमकर वसूली करते हैं. कई बार से जिन लोगों के पास जानकारी नहीं होती या समय कम होता है उनसे ये लंबी वसूल लेते हैं.