Chhattisgarh ACB EOW Raid: छत्तीसगढ़ में गुरुवार को एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने बड़ी कार्रवाई की. अधिकारियों ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर समेत कई शराब और कोयला कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले ACB और EOW की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. अधिकारियों ने कई शराब और कोयला कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है. एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव और बिलासपुर समेत प्रदेश भर में 15 ठिकानों पर छापेमारी की है.
शराब और कोयला कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी
मिली जानकारी के मुताबिक एसीबी और ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने दुर्ग खुर्सीपार के पप्पू ढिल्लन, विजय भाटिया के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की. वहीं राजधानी रायपुर में 6 ठिकानों पर छापेमारी हुई. रायपुर के सदर बाजार में सुमित मालू और समता कॉलोनी में कारोबारी अग्रवाल बंधु अनिल और सुनील अग्रवाल के घर पर भी छापेमारी की गई. इसके अलावा एसीबी/ईओडब्ल्यू ने महावीर नगर, दलदल सिवनी में भी छापेमारी की.
बिलासपुर में इन जगहों पर छापेमारी
इसी कड़ी में एसीबी और ईओडब्ल्यू ने बिलासपुर में भी तीन से चार स्थानों पर छापेमारी की है. इसमें एफएल 10ए कंपनी के सीए संजय मिश्रा के ऑफिस और घर समेत अन्य ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है.
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला
ED के मुताबिक साल 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में करीब 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है. आरोप है कि राज्य में शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय से शराब खरीदने के दौरान काले धन की कमाई हुई है. इस मामले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत अधिकारियों का सर्मथन होने की बात भी सामने आई है.
इस शराब घोटाले में एआईएस अधिकारी निरंजन दास, रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा समेत एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम शामिल है.
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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में मनी लांड्रिंग केस रद्द
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया है. केस रद्द होने से पूर्व IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को बड़ी राहत मिली है.कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में 3 अप्रैल को सुनवाई हुई थी. इसके बाद आज 8 अप्रैल को डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया.