अविनाश प्रसाद/बस्तर: पूर्व मंत्री और छत्तीसगढ़ भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप (Former minister and Chhattisgarh BJP spokesperson Kedar Kashyap) ने सरकार से बस्तर में आदिवासियों के धर्मांतरण के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. केदार कश्यप का कहना है कि मिशनरी बस्तर में आदिवासियों की संस्कृति को बर्बाद कर रहे हैं. समय-समय पर संघर्ष की स्थिति बनती जा रही है. मौत के बाद अंतिम संस्कार को लेकर विवाद है. आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है और सरकार इसे नकार रही है. केदार कश्यप ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर और एसपी की जानकारी के बिना गांव में आदिवासियों का धर्म परिवर्तन भी संदिग्ध है. केदार का कहना है कि बस्तर के कमिश्नर और एसपी सरकार को पहले भी बता चुके हैं कि धर्म परिवर्तन को लेकर अंदरूनी इलाकों में संघर्ष की स्थिति पैदा हो रही है. कश्यप ने सरकार से पूछा है कि क्या सरकार धर्मांतरित आदिवासियों के लिए कब्रिस्तान की व्यवस्था करेगी.


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पूर्व मंत्री और छत्तीसगढ़ भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप ने बस्तर में आदिवासियों के धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. केदार कश्यप का कहना है कि मिशनरी बस्तर में आदिवासियों की संस्कृति को बर्बाद कर रहे हैं. समय-समय पर संघर्ष की स्थिति निर्मित हो रही है. मृत्यु हो जाने के बाद अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो रहा है. 


सरकार आदिवासियों के लिए कब्रिस्तान की व्यवस्था करेगी?: केदार कश्यप
पूर्व मंत्री व भाजपा नेता ने कहा कि आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है और सरकार इसे नकार रही है. केदार कश्यप ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कलेक्टर और एसपी की जानकारी के बिना गांव में आदिवासियों का धर्म परिवर्तन हो जाना भी संदेहास्पद है.केदार का कहना है कि बस्तर के कमिश्नर और एसपी इस बात से पहले भी सरकार को अवगत करा चुके हैं कि अंदरूनी इलाकों में धर्म परिवर्तन से संघर्ष की स्थिति निर्मित हो रही है. कश्यप ने सरकार से पूछा है कि क्या परिवर्तित होते आदिवासियों के लिए सरकारी कब्रिस्तान की व्यवस्था करेगी.


अंतिम संस्कार पर आपत्ति 
दरअसल बस्तर जिले के डिलमिली ग्राम में 30 अगस्त को समुदाय विशेष के मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर वहां के आदिवासियों ने आपत्ति दर्ज की थी. आदिवासियों का कहना था कि पांचवी अनुसूची और संविधान की धारा 13 (ब) के तहत ग्राम पंचायत में रूढ़ी प्रथा लागू होती है. ऐसे में पाश्चात्य संस्कृति से अंतिम संस्कार करना गलत है. ग्रामीणों ने इस आशय का शिकायत पत्र कोड़ेनार थाना में भी दिया गया था. इसी मुद्दे पर आदिवासियों ने 2 घंटे तक जगदलपुर बीजापुर मार्ग बाधित भी किया था. फिलहाल ये मुद्दा बस्तर में संवेदनशील बना हुआ है. प्रशासन ने आदिवासियों से इस विषय में स्थिति स्पष्ट करने के लिए 3 दिनों का मोहलत मांगी है.