महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण कर बेच रही हैं और लाभ अर्जित कर रही हैं. गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है.
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रायपुरः मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना के तहत सीएम भूपेश बघेल योजना के हितग्राहियों के खाते में 5 करोड़ 24 लाख रुपए भेजेंगे. 20 अगस्त को पूर्व पीएम राजीव गांधी की जयंती के अवसर पर सीएम भूपेश बघेल यह रकम ऑनलाइन ट्रांसफर करेंगे. यह रकम पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समीतियों को मिलेगी.
बता दें कि 5 करोड़ 24 लाख रुपए में से 2.24 करोड़ रुपए राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों को मिलेंगे. गौठान समितियों को 1.58 करोड़ रुपए मिलेंगे. महिला समूहों को 1.02 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा. गोधन न्याय योजना के तहत सरकार अब तक 330 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है. साथ ही योजना से गौठानों से जुड़ी महिला समूहों को अब तक 78.62 करोड़ की आय हो चुकी है. 20 अगस्त को 5 करोड़ 24 लाख के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 335 करोड़ 24 लाख रुपए हो जाएगा.
गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर तथा 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है. गौठानों में 31 जुलाई तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 155.60 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है. गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 151.60 करोड़ रूपए राशि की भुगतान किया जा चुका है.
गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है. महिला समूहों द्वारा 17.27 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 5.21 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट और 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है. जिसे सोसायटियों के माध्यम से शासन के विभिन्न विभागों एवं किसानों को रियायती दर पर दिया जा रहा है.
महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण कर बेच रही हैं और लाभ अर्जित कर रही हैं. गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. जिससे महिला समूहों को अब तक 78.62 करोड़ रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 13,969 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 83,874 है.
उल्लेखनीय है कि गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की शुरूआत भी रायपुर के हीरापुर-जरवाय गौठान में हो चुकी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर गौठानों को रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से कृषि एवं वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयां, गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए यूनिटें स्थापित की जा रही हैं.