Mahadev Satta App Case: अनिल दम्मानी को हाईकोर्ट से राहत, महादेव सट्टा से जुड़े मामले पर फैसला
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2112672

Mahadev Satta App Case: अनिल दम्मानी को हाईकोर्ट से राहत, महादेव सट्टा से जुड़े मामले पर फैसला

Mahadev Satta App Case: बिलासपुर हाईकोर्ट ने महादेव सट्टा से जुड़े अनिल दम्मानी की जमानत याचिका पर फैसला दे दिया है. मेडिकल ग्राउंड पर मांगी गई राहत कोर्ट ने स्वीकार कर ली है.

Mahadev Satta App Case: अनिल दम्मानी को हाईकोर्ट से राहत, महादेव सट्टा से जुड़े मामले पर फैसला

Mahadev Satta App Case: बिलासपुर। महादेव सट्टा ऐप केस में जेल में बंद बिजनेसमैन अनिल दम्मानी को हाई कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी है. अनिल दम्मानी पर बुधवार को सुनवाई हुई थी सुनवाई के बाद गुरुवार को कोर्ट ने जमानत दी है. जमानत मेडिकल ग्राउंड पर दी गई है लिहाजा 12 अप्रैल को शाम चार बजे से पहले अनिल दम्मानी को स्पेशल कोर्ट में सरेंडर करना पड़ेगा. कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर 8 हफ्तों की राहत दी है.

ED के वकील ने की पुष्टि
दोनों आरोपियों की जमानत होने की पुष्टि प्रवर्तन निदेशालय के वकील सौरभ पांडेय की ओर से की गई है. महादेव सट्टा ऐप केस में जांच कर रही ईडी की टीम ने पिछले साल अगस्त 2023 में रायपुर और दुर्ग में छापेमारी कर दम्मानी ब्रदर्स को गिरफ्तार किया गया था.

शराब घोटाले में भी जमानत
पिछली सरकार के समय में आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी रहे एपी त्रिपाठी को भी जमानत मिल गई है. त्रिपाठी शराब घटोला केस में मई 2023 से जेल में थे. बुधवार को हुई सुनवाई के बाद गुरुवार को जमानत गई. 

अगस्त 2023 में हुई थी गिरफ्तारी
दोनों आरोपियों की जमानत पुष्टि प्रवर्तन निदेशालय के वकील सौरभ पांडेय ने की है. महादेव सट्टा ऐप केस में जांच कर रही ED की टीम ने पिछले साल अगस्त 2023 में रायपुर और दुर्ग में छापेमारी की थी. इसमे दम्मानी ब्रदर्स को गिरफ्तार किया गया था.

महादेव ऐप और शराब घोटाला केस
प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले को जांच में लिया था. इसी मामले में त्रिपाठी को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया था. शराब घोटाले में अरुण पति त्रिपाठी चौथे आरोपी थे. इससे पहले ईडी मामले में अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लन और नितेश पुरोहित को गिरफ्तार किया गया था. अनवर ढेबर को जुलाई में अंतरिम जमानत मिल गई थी. बाद में त्रिलोक और नितेश को अंतरिम जमानत लगातार बढ़ाई जाती रही है.

Trending news