Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता रामसेवक पैकरा इन दिनों युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं. वो अपने गृहग्राम में खेती कर युवाओं को कृषि के जरिए आर्थक उन्नति का रास्त बता रहे हैं.
खेतों में फावड़ा चलाता हुआ यह शख्स, कोई आम मजदूर नहीं बल्कि प्रदेश की सियासत का एक बड़ा नाम है. यह शख्स हैं रामसेवक पैकरा, जो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, आदिम जाति आयोग के अध्यक्ष, प्रदेश के गृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आसींन रहे हैं. आज भी ये छत्तीसगढ़ भाजपा का बड़ा चेहरा माने जाते हैं.
इन दिनों रामसेवक पैकरा राजनीति के साथ ही कृषि कार्यों में भी खासा समय दे रहे हैं. उन्होंने सूरजपुर जिले के चेंद्रा गांव में खेती शुरू की है. वो यहां से अच्छा उत्पादन लेकर गांव के युवाओं के लिए मिसाल बन रहे हैं.
चेंद्रा गांव चारों तरफ घने जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है, यहां खेती करना आसान नहीं है. बावजूद इसके पूर्व गृहमंत्री ने तमाम चुनौतियों को स्वीकार करते हुए बड़े पैमाने पर टमाटर और खीरे की खेती की है. जहां कल तक बंजर भूमि थी. वहां आज रामसेवक पैकरा की मेहनत का ही असर है कि यहां फसलें लहलहा रही हैं.
खेतों में पानी की कमी ना हो इसके लिए इन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग के तहत कई तालाब भी बनाए हैं. साथ ही वे आधुनिक खेती कर रहे हैं, जिसमें कम मात्रा में पानी का उपयोग होता है.
पूर्व गृहमंत्री के अनुसार, आज की युवा नौकरी के लिए परेशान रहते हैं. हालांकि उनके लिए खेती से अच्छा स्वरोजगार है. उन्होंने कहा कि कृषि कार्य से जहां खुद को आर्थिक लाभ होता है. वही गांव के लोगों को रोजगार भी मिलता है.
बीजेपी नेता रामसेवक पैकरा के खेत का टमाटर और खीरा छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों में भी जा रहा है. इससे उनको आर्थिक लाभ तो हो रहा है और गांव के लोगों को आर्थक उन्नति रा रास्ता खुल रहा है.
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यदि धान के साथ ही अन्य सब्जियों और फलों की आधुनिक खेती की जाए तो किसान के आर्थिक विकास का रास्ता और मजबूत होगा. पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा की यह पहल आम लोगों के लिए एक अच्छी सीख है.
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