भगवान राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को 'राम वन गमन पर्यटन परिपथ' परियोजना के तहत विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा.
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रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने छत्तीसगढ़ राज्य में विशेष पहल की है.भगवान राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को 'राम वन गमन पर्यटन परिपथ' परियोजना के तहत विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इस परियोजना के तहत चंदखुरी गांव में स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर को विकसित करने के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है. मुख्यमंत्री बघेल 7 अक्टूबर 2021 को नवरात्रि के शुभ अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे.
भगवान राम का छत्तिसगढ़ से रिश्ता
छत्तीसगढ़ की लोक कथाओं में भगवान राम एवं उनकी धर्मपत्नी माता सीता और भाई लक्ष्मण के अलग-अलग जगहों पर वनवास के दौरान आगमन से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं. भगवान राम से प्रेरित कहानियां और गीत यहां के समुदायों में पीढ़ियों से सुनाए और गाए जाते हैं. छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल और उनकी माता कौशल्या का जन्म स्थान है.अयोध्या से वनवास के दौरान प्रभु राम ने अपना अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया था.
राज्य सरकार द्वारा भगवान राम और माता कौशल्या से जुड़ी यादों को संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना की कल्पना की गई है. इस पर्यटन परिपथ को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों को अपने हर कदम के साथ धार्मिक परिवेश के साथ छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुन्दरता का भी अहसास हो सके.
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राजधानी रायपुर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदखुरी गांव के प्राचीन कौशल्या माता मंदिर में आयोजित उद्घाटन समारोह में संगीत, नृत्य के अलावा लेजर शो और एलइडी रोशनियों के जरिए भव्य लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. लाइट एंड साउंड शो के जरिए दर्शक भगवान राम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे. माता कौशल्या मंदिर में हर वर्ष नवरात्रि के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. राज्य सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के लिए एक रोमांचक गंतव्य के रूप में स्थापित हो सके.
यहां से होकर गुजरे थे भगवान राम
राज्य पर्यटन बोर्ड ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना 'राम वनगमन पर्यटन परिपथ' के प्रथम चरण में जंगल के रास्ते और इन नौ स्थानों सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम को विकसित करने की योजना बनाई है. यहा से भगवान राम ने यात्रा की थी.
छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक यशवंत कुमार ने बताया कि हमारी मुख्य प्राथमिकता राम वन गमन पथ के चिन्हित स्थलों को प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना है. अभी चल रही महामारी को ध्यान में रखते हुए, हमारी कोशिश है कि लोग घरेलू पर्यटन के लिए प्रेरित हो. ऐसा करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और हमें विश्वास है कि राम वनगमन पर्यटन परिपथ उनके लिए एक रोमांचक अनुभव होगा. राज्य का लक्ष्य चयनित स्थलों को विकसित एवं सुशोभित कर उन्हें विश्व स्तर के पर्यटन स्थल में तबदील करना है. ताकि दुनियाभर से लोग यहां आ सकें, जिससे राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
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