दिलीप सिंह जूदेव के सहारे BJP की सत्ता वापसी की मुहिम! RSS चीफ का छत्तीसगढ़ दौरा अहम
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दिलीप सिंह जूदेव के सहारे BJP की सत्ता वापसी की मुहिम! RSS चीफ का छत्तीसगढ़ दौरा अहम

दिलीप सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार से आते थे और राज्य में बीजेपी के बड़े नेता रहे. वह बिलासपुर से दो बार लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे. साथ ही वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे.

दिलीप सिंह जूदेव के सहारे BJP की सत्ता वापसी की मुहिम! RSS चीफ का छत्तीसगढ़ दौरा अहम

रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजनीति में दिलीप सिंह जूदेव घर वापसी अभियान का चेहरा माने जाते हैं. दिलीप सिंह जूदेव ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान बड़ी संख्या में आदिवासियों को ईसाई से हिंदू धर्म में वापसी कराई. अब माना जा रहा है कि भाजपा दिलीप सिंह जूदेव के सहारे छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी की उम्मीद लगा रही है. इसी के तहत आरएसएस चीफ मोहन भागवत आज जशपुर दौरे पर हैं. यहां वह रणजीता स्टेडियम के सामने पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रहे दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. 

RSS चीफ का कार्यक्रम

जशपुर में संघ प्रमुख ने सबसे पहले भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत जशपुर में विजय विहार पैलेस पहुंच चुके हैं. यहां उन्होंने स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के परिजनों से मुलाकात की. इसके बाद वह दोपहर में जनजातीय गौरव दिवस सभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वह रणजीता स्टेडियम के सामने दिवंगत हिंदूवादी बीजेपी नेता दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. संघ के अनुषांगिक संगठनों द्वारा इन कार्यक्रमों की तैयारियां की गई हैं. माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम से हिंदुत्व और धर्मांतरण को लेकर प्रदेश की जनता को बड़ा मैसेज देने की तैयारी की गई है.  

बता दें कि दिलीप सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार से आते थे और राज्य में बीजेपी के बड़े नेता रहे. वह बिलासपुर से दो बार लोकसभा सांसद और तीन बार राज्यसभा सांसद रहे. साथ ही वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे. अब जब राज्य में भाजपा दोबारा सत्ता वापस पाने की जुगत में लगी है तो पार्टी को दिलीप सिंह जूदेव की कमी महसूस हो रही है.

घर वापसी अभियान का चेहरा रहे दिलीप सिंह जूदेव

दिलीप सिंह जूदेव आदिवासियों के बीच खासे लोकप्रिय थे. यह आदिवासियों के बीच दिलीप सिंह जूदेव का प्रभाव ही था कि जब भी आदिवासी आपस में मिलते तो नमस्कार नहीं बल्कि जय जूदेव कहते हैं. अब भाजपा जूदेव की आदिवासियों में इसी पकड़ को अपने पाले में करना चाहती है. वह हमेशा से ईसाई मिशनरी और धर्मांतरण के विरोध में रहे. अपने जीवन के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रम आयोजित कर आदिवासियों की घर वापसी कराई. जिसके चलते वह बीजेपी की घर वापसी मुहिम के चेहरा बन गए थे. साल 2013 में लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दिलीप सिंह जूदेव का निधन हो गया था. 

संघ प्रमुख आज जशपुर में ही रहेंगे और 15 नवंबर को अंबिकापुर निकल जाएंगे. अंबिकापुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत आरएसएस के 15 हजार स्वयंसेवकों के पाठा संचालन में भाग लेंगे. 

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