Rubber Farming In Chhattisgarh: रायपुर। धान का कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ अब नई संभावनाओं की ओर आगे बढ़ रहा है. प्रदेश में केरल की तर्ज पर रबर की खेती करने की तैयारी है. इसके लिए रबर अनुसंधान संस्थान, कोट्टायम ने कृषि अनुसंधान केंद्र बस्तर में एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबर की प्रायोगिक खेती करने जा रहा है. इसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा रबर रिसर्च इंस्टिट्यूट के बीच अनुबंध हुआ है.


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MOU हुआ साइन
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल की मौजूदगी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा रबर अनुसंधान संस्थान कोट्टायाम के मध्य एक समझौता किया गया. समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी तथा रबर रिसर्च इंस्टिट्यूट कोट्टायाम की संचालक अनुसंधान डॉ. एमडी जेस्सी ने हस्ताक्षर किए.


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क्या होगा इस समझौते से
- रबर इंस्टिट्यूट कृषि अनुसंधान केंद्र बस्तर को एक हेक्टेयर रकबे में खेती के लिए 7 साल तक पौध सामग्री, खाद-उर्वरक, दवाएं देगा
- इसके साथ ही इंस्टिट्यूट की ओर से मजदूरी पर होने वाला व्यय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराएगा
- रबर की खेती के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन तथा रबर निकालने की तकनीक भी उपलब्ध होगी
- पौध प्रबंधन का कार्य रबर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा


 कुलपति डॉ गिरीश चंदेल ने क्या कहा?
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ गिरीश चंदेल ने कहा कि रबर एक अधिक लाभ देने वाली फसल है. भारत में केरल, तमिलनाडु आदि दक्षिणी राज्यों में रबर की खेती ने किसानों को सम्पन्न बनाने में अहम भूमिका निभाई है. रबर अनुसंधान के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की मिट्टी, आबोहवा, भू-पारिस्थितिकी आदि को रबर की खेती के लिए उपयुक्त पाया है और प्रायोगिक तौर पर एक हेक्टेयर क्षेत्र में रबर के पौधों का रोपण किया जा रहा है. उम्मीद है निश्चित रूप से सफलता मिलेगी.


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कार्यक्रम में कौन-कौन रहा
अनुबंध समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. अजय वर्मा, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एसएस टुटेजा, निदेशक शिक्षण डॉ. एसएस सेंगर, कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जीके दास, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय, उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र जगदलपुर की अधिष्ठाता डॉ. जया लक्ष्मी गांगुली सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा रबर अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे