11वीं में पढ़ने वाली आदिवासी छात्रा रितिका ने कमाल की उपलब्धि हासिल की है. रितिका का चयन इसरो और नासा के संयुक्त सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत क्षुद्र ग्रह खोज अभियान के लिए हुआ है. छात्रा के पिता साइकिल की दुकान चलाते हैं.
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जनमेजय सिन्हा/महासमुंद: एक आदिवासी छात्रा ने एक बार फिर महासमुंद जिले के साथ पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल नयापारा, महासमुंद की 11वीं की छात्रा रितिका ध्रुव का चयन इसरो और नासा के संयुक्त सिटिजन साइंस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत क्षुद्र ग्रह खोज अभियान के लिए हुआ है.
सायकिल की दुकान चलाते हैं पिताजी
इसरो के अभियान के लिए चयनित रितिका जहां खुद काफी उत्साहित है. वहीं, छात्रा के माता-पिता, ग्रामीण एवं जिला शिक्षा अधिकारी छात्रा के इस उपलब्धि से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. महासमुंद मुख्यालय से 18 किमी दूर आदिवासी बाहुल्य गांव है गुडरुडीह. इसी गांव के रहने वाले हैं देव सिंह ध्रुव, जो मध्यम वर्गीय परिवार से है. देव सिंह की दो पुत्री व दो पुत्र हैं. देव सिंह के पास चार एकड़ खेती है और तुमगांव मे एक सायकल स्टोर संचालित करते हैं. इससे जो आमदनी होती है, उसी से इनके परिवार का भरण-पोषण होता है.
दसवीं में 89 प्रतिशत अंक लाकर अपने क्षेत्र का गौरव बढ़ाया
देव सिंह की दूसरी पुत्री है रितिका ध्रुव, जो बचपन से पढाई मे तेज है. 16 वर्षीय रितिका की कक्षा पहली से लेकर 9वीं तक की पढ़ाई मिशन स्कूल तुमगांव में हुई है. दसवीं में रितिका का एडमिशन स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल बसना में हुआ जहां रितिका ने छात्रावास में रहकर पढ़ाई की और दसवीं में 89 प्रतिशत अंक लाकर अपने क्षेत्र का गौरव बढ़ाया. उसके बाद रितिका 11 वीं मे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल नयापारा में एडमिशन लेकर मैथ्य साइड से पढाई कर रही है.
क्षुद्र ग्रह खोज अभियान के लिए हुआ चयन
सोसाइटी फाॅर स्पेस एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट संगठन के द्वारा 17 जुलाई को बिलासपुर साइंस सेंटर मे एक परीक्षा आयोजित की थी जिसमें रितिका ने भाग लिया था. इस परीक्षा में छत्तीसगढ़ से मात्र रितिका को सफलता मिली थी. इसके बाद रितिका का चयन इसरो और नासा के संयुक्त सिटीजन साइंस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत क्षुद्र ग्रह खोज अभियान के लिए हुआ.
मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई
इसके लिए रितिका आगामी 1 अक्टूबर से 6 अक्टूबर 2023 मे श्रीहरिकोटा मे प्रशिक्षण लेगी. मध्यम वर्गीय परिवार से वास्ता रखने वाली रितिका के माता- पिता व गांव के लोग अब अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. रितिका के इस कामयाबी पर जहां मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बधाई दे रहे है, वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी भी छात्रा की तारीफ करते नहीं थक रही हैं. बता दें कि आज से तीन वर्ष पहले 7 सितंबर 2019 को पहली बार महासमुंद की छात्रा श्रीजल चन्द्राकर मिशन चंद्रयान-2 मे लैंडर विक्रम की लैडिंग को पीएम के साथ देखने इसरो पहुंची थी.
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