फर्जी पुलिस अफसर बनकर पत्नी को बनाया मूर्ख, ससुराल वालों से ठगे 10 लाख रुपये
सरकारी नौकरी का झूठ बोलकर पहले एक शख्स ने शादी कर ली और बाद में पत्नी से कह दिया कि नौकरी छूट गई. उस शख्स ने फिर पत्नी को मूर्ख बनाया और कहा कि उसका डीएसपी पद पर चयन हो गया है. इस नाम पर उसने ससुराल वालों से 10 लाख रुपये भी ठग लिए. हैरान कर देने वाला ये मामला छत्तीसगढ़ के महासमुंद का है.
जन्मजय सिन्हा/महासमुंद: पत्नी व ससुराल वालों को झूठी नौकरी का झांसा देकर ठगी करने का मामला सामने आया है. बेरोजगार युवक ने झूठी नौकरी बताकर शादी की थी. फर्जी अकाउंट ऑफिसर और पुलिस विभाग में डीएसपी पद पर चयन का फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर पत्नी और ससुराल वालों को धोखा दिया था. पीड़िता एवं उसके परिजन से 10 लाख 60 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने वाले बाप-बेटे अब पुलिस हिरासत में हैं.
नौकरी के नाम पर बोला झूठ
पीड़िता योगिता साव के मुताबिक, भारत साव से 28 जून 2021 में सामाजिक रीति-रिवाज के साथ उसकी शादी हुई थी. पीड़िता के पति भारत साव और ससुर घासीराम साव ने झूठी सरकारी नौकरी का झांसा दिया. उन्होंने बताया कि उनका बेटा अभनपुर के जिला सहकारी बैंक में अकाउंट ऑफिसर है. शादी के बाद उक्त नौकरी से हटा देने का हवाला देकर पुलिस विभाग में डीएसपी पद पर चयन हो जाने के संबंध में पूर्ण विश्वास दिलाने के लिए अपना फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाया गया था.
फर्जी आईडी कार्ड भेजकर पत्नी को पूर्ण विश्वास में लिया
फर्जी नियुक्ति पत्र में उसे 65,500 रुपये सैलरी के पद पर 35 वर्षों के लिए नियुक्त किया गया है. उसने महासमुंद कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी के फर्जी कूटरचित हस्ताक्षर और सील मुहर लगा हुआ फोटो, कूटरचित डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस का अपना लगा फोटो और भारत सरकार का कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग का फर्जी आईडी कार्ड भेजकर पत्नी को पूर्ण विश्वास मे ले लिया.
कूटरचित दस्तावेज दिखाकर ससुराल वालों से ठगे 10 लाख रुपये
ये बताने के लिए कि वास्तव में उसकी नियुक्ति उक्त पद पर हो गई है. पुलिस विभाग मे डीएसपी के पद पर चयन होने और ट्रेनिंग किए जाने का कूटरचित दस्तावेज दिखाकर पत्नी के पिता और भाई से 10 लाख 60 हजार रुपये ठगी किये जाने पर थाना बसना में अपराध क्रमांक 416/2022 धारा 420, 467, 468, 506, 34 के तहत केस दर्ज किया.
आरोपियों को अरेस्ट कर कोर्ट में किया पेश
विवेचना के दौरान आरोपियों का पता तलाश कर हिरासत मे लेकर पूछताछ करने पर आरोपियों नें अपना जुर्म करना स्वीकार कर लिया है. मामले में पिता और पुत्र को गिरफ्तातार कर ज्यूडिशियल रिमांड तैयार कर न्यायालय में पेश किया गया.
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