भोपाल: प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों की रोकथाम के लिए रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्ण लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित होती है, जिससे लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाता है. इसलिए कई तरह के सेक्टरों में छूट दी जाएगी.


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राजधानी भोपाल मे बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, वह चिंताजनक है. यहां पर कोरोना रोकथाम के लिए कर्फ्यू की अवधि बढ़ाने की जिम्मेदारी कलेक्टर पर छोड़ दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन द्वारा पूर्व से घोषित लॉकडाउन को कोरोना कर्फ्यू नाम दिया गया है. 


दूसरे राज्यों से आवागमन पर नहीं रहेगी रोक
मुख्यमंत्री ने रविवार को कोरोना पर हुई समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों पर रोक नहीं रहेगी. साथ ही प्रदेश में मेडिकल और राशन की दुकानें, सब्जी की दुकानें, अस्पताल, नर्सिंग होम, बैंक, एटीएम, दूध आदि के संचालन की छूट दी गई है. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों में जाने वाले विद्यार्थी, अन्य स्टाफ, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, दूरसंचार, बिजली सप्लाई सेवाएं चालू रखी गईं है. वहीं, कैब सुविधा पर भी रोक नहीं लगाई गई है.


रविवार को प्रदेश में मिले 5939 पॉजिटिव केस
रविवार को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 5939 मरीज मिले हैं. वहीं, इस महामारी से 24 मौतें भी हुई हैं. आंकड़ों के मुताबिक रविवार को रतलाम, उज्जैन, बैतूल, छिंदवाड़ा, बड़वानी, बालाघाट, उमरिया, झाबुआ और कटनी में 100 से अधिक केस मिले हैं. 


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कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 25% रोटेशन से होगी
मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच बड़ा फैसला लिया गया है. जिसके तहत राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित कर दी है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने रविवार को एक आदेश जारी किया है. जारी किए गए आदेश के अनुसार मंत्रालय व राज्य स्तरीय कार्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति 25% रोटेशन से होगी, जबकि प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहेगी.


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