छत्तीसगढ़: कांग्रेस सरकार ने लगाई सरकारी भर्तियों पर रोक, BJP ने लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी की सरकार में 5 मई 2016, 2017, 2018 को यही आदेश जारी हुआ था. इस साल कांग्रेस सरकार ने 29 अप्रैल 2019 को यही आदेश जारी किया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्त विभाग की अनुमति के बिना की जाने वाली सीधी भर्ती पर रोक को एक साल और बढ़ा दिया है. इसके संबंध में वित्त विभाग से आदेश जारी हो गया है. वित्त विभाग के इस आदेश के बाद प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा हो गया है. बीजेपी इसे बेरोजगार युवाओं से वादाखिलाफी कह रही है तो कांग्रेस इसे आउटसोर्सिंग पर रोक करार दे रही है.
प्रदेश में वित्त विभाग ने आदेश जारी करते हुए लिखा कि पीएससी और अनुकम्पा नियुक्ति को छोड़कर अन्य पदों पर भर्ती से पहले वित्त विभाग से अनुमति लेना जरूरी होगा. इसी पत्र में यह भी लिखा गया है कि राज्य शासन ने इस निर्देश को एक साल और प्रभावी रखने का निर्णय लिया है. केंद्रीय योजनाओं में स्वीकृत पद जिन्हें केंद्र ने बजट 2019—20 में समाप्त कर दिया है, ऐसे मामलों की अनुमति फिर से वित्त विभाग से लेनी होगी.
इसके अलावा विभागों में स्वीकृत पद की भर्ती से पहले विभाग को यह देखना होगा कि उतने लोगों के प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य सरकार के पास है या नहीं. यह नियम निगम, मंडल, आयोग, प्राधिकरण, विश्विद्यालयों के अलावा अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं पर भी लागू होगा. इस मामले को लेकर बीजेपी सीधे राज्य सरकार पर भर्तियों में रोक लगाने का आरोप लगा रही है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि भूपेश बघेल ने चुनाव पूर्व युवाओं से बड़े बड़े वादे किए सत्ता मिलते ही उनके साथ छल किया गया, बीजेपी प्रदेश को अथक परिश्रम से प्रदेश को समृद्ध स्थिति तक लाई परन्तु आपकी नीतियां दोबारा प्रदेश को पिछड़ा राज्य बनाने जा रही है.
इसका पलटवार करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने लिखा कि रमन सिंह जी आपके पास डॉक्टर की डिग्री है. 15 साल तक आपने प्रदेश चलाया फिर भी यह अज्ञानता. क्या आपको सरकारी नियमों की जानकारी नहीं है. आप भले ही अपनी सरकार नियमों को ताक पर रखकर चलाते होंगे. लेकिन हम नहीं. प्रदेश में सरकारी नौकरियों पर रोक नहीं, आउटसोर्सिंग पर रोक लगी है. आदेश की कॉपी पढ़ लें और झूठ न बोलें.
दरअसल, हर साल प्रदेश सरकार वित्त विभाग से स्वीकृती के बगैर भर्तियों पर रोक लगाती है. बीजेपी की सरकार में 5 मई 2016, 2017, 2018 को यही आदेश जारी हुआ था. इस साल कांग्रेस सरकार ने 29 अप्रैल 2019 को यही आदेश जारी किया है. सियासत में मुद्दे को मुद्दा मानकर प्रदेश का विपक्ष सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस सरकार विपक्ष के हमलों पर सफाई दे रही है.