सवर्णों को साधने शिवराज बनाएंगे `सवर्ण आयोग`, कांग्रेस बोली- चुनाव देख याद आए `माई के लाल`
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सामान्य वर्ग के गरीब बेटे बेटियों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. लेकिन उनके भी हक हैं, अगर वह निर्धन हैं, हमने तय किया है कि उनके कल्याण के लिए प्रदेश में सवर्ण सामान्य वर्ग आयोग बनाएंगे.
रीवा: नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सवर्ण कार्ड खेला है. सीएम ने सवर्णों को साधने की कवायद के तहत रीवा से एलान किया कि राज्य में सवर्ण सामान्य वर्ग आयोग का गठन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सामान्य वर्ग के गरीब बेटे बेटियों को 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. लेकिन उनके भी हक हैं, अगर वह निर्धन हैं, हमने तय किया है कि उनके कल्याण के लिए प्रदेश में सवर्ण सामान्य वर्ग आयोग बनाएंगे. जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग आयोग है अब ऐसे ही सवर्ण आयोग बनाया जाएगा. उनकी चिंता भी करने की जरूरत है.
सवर्णों के लिए CM शिवराज का बड़ा ऐलान, निकाय चुनाव में मिल सकता है बड़ा फायदा
जिन माई के लालों ने 2018 में शिवराज को घर बिठाया अब उनकी याद आ गईः कांग्रेस
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के इस एलान पर प्रतिक्रिया देते हुए सवाल किया है कि नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले भाजपा को सवर्णों की याद क्यों आई? यह एक चुनावी जुमला है. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि जिन माई के लालों ने 2018 में शिवराज सिंह चौहान को घर बिठाया था अब उनकी याद आ गई. ये सवर्ण विरोधी हैं और आयोग का गठन इनका सिर्फ एक चुनावी जुमला है. कांग्रेस पार्टी सवर्णों के बीच अभियान चलाकर शिवराज का पुराना बयान याद दिलाएगी.
नगरीय निकाय चुनाव नजदीक, इसलिए शिवराज को याद आए सवर्णः सपाक्स
वहीं सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों के संगठन सपाक्स ने कहा कि शिवराज के माई के लाल बयान के बाद 2018 विधानसभा चुनाव में जो हुआ सबको पता है. इसलिए सवर्ण आयोग के गठन की घोषण वोट की राजनीती है. सपाक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव नजदीक है इसलिए शिवराज को सवर्ण याद आ रहे हैं.
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सभी वर्गों के विकास की चिंता करने वाली शिवराज सरकारः भाजपा
वहीं सत्ताधारी दल बीजेपी का कहना है कि शिवराज सरकार सभी वर्गों के विकास की चिंता करने वाली है. सवर्ण आयोग के गठन का एलान ऐतिहासिक और सवर्ण हितैषी है. इससे आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को लाभ होगा. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के एतराज पर कहा की उनके पास कुछ नहीं बचा है, कांग्रेस को सवर्णों से कोई लेना देना नहीं है.
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शिवराज ने 2016 में की थी ''माई का लाल'' वाली टिप्पणी
कुणाल चौधरी का इशारा शिवराज सिंह चौहान के 2016 में दिए गए उस बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने कहा था ''कोई माई का लाल आरक्षण नहीं खत्म कर सकता है.'' कई भाजपा नेताओं ने शिवराज के इस बयान को 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार कारण माना था. उनका कहना था कि शिवराज के इस बयान से प्रदेश का सवर्ण समाज आहत हुआ और भाजपा के खिलाफ वोट किया. आपको बता दें कि 2018 में कई सीटों पर भाजपा जितने अंतर से हारी थी, उसके बराबर या कुछ ज्यादा वोट नोटा पर पड़े थे.
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