भोपाल: बुधवार को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को देवउठनी एकादशी सिद्धि योग और रवि योग में मनाई जाएगी. इसके साथ ही शादी और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. इस दिन लोग भगवान विष्णु जी का व्रत करेंगे और घर के आंगन में गन्नों के साथ भगवान की पूजा कर उन्हें जगाएंगे.


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देव को उठाते है
देवउठनी ग्यारस पर पुरूष लोग पूजा करते है. इससे मोक्ष की प्राप्ति भी होती है. इसे सबसे बड़ी एकादशी भी माना जाता है. लोग पूजा कर भगवान का आह्वान करते हैं और उठो देव, कुंवारों का विवाह कराओ गाते हुए कुंवारों के विवाह कराने की प्रार्थना करते है.


पूजा के शुभ मुहूर्त
अमृत काल- दोपहर 12:59 बजे से 2:46 बजे तक
विजय मुहूर्त -दोपहर 1:54 बजे से 2:36 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 5:14 बजे से 6:45 बजे तक


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शादियों के लिए है केवल 9 मूहूर्त
कोरोना वायरस के कारण मार्च से लगे लंबे लॉकडाउन के बाद शादी समारोह की शुरूआत होने जा रही है. लॉकडाउन के चलते कई लोगों ने अपनी शादियों को टाल दी थी और कुछ लोग ने घर में ही शादी के कार्यक्रम कर लिए थे. जिन्होंने शादी टाली थी, वह देवउठनी एकादशी का इंतजार ही कर रहे थे. देव ऊठनी एकादशी की पूजा के साथ ही शादी के आयोजन शुरू हो जाएंगे. इस नवंबर माह में 26 और 30 नवंबर को शादी के योग है, जबकि अगले माह दिसंबर में 1,2 ,6 ,7 ,8, 9 और 11 तिथियों पर शादी के योग बन रहे है.


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आने वाले 3 माह तक विवाह के कोई शुभ मुहूर्त नहीं 
15 दिसंबर से धनु की संक्रांति सूर्य के धनु राशि में गोचर के साथ मलमास प्रारंभ हो जाएगा, जिसका प्रभाव 14 जनवरी 2021 तक रहेगा. इसके चलते 15 दिसंबर से 14 जनवरी 2021 की अवधि तक मलमास होने के कारण शादी वर्जित रहेगी. इसके बाद 15 जनवरी 2021 से गुरु अस्त हो जाएंगे, जो 13 फरवरी 2021 को उदित होंगे. इस काल में भी शादियां वर्जित रहेगी. 14 फरवरी 2021 से शुक्र तारा अस्त रहेगा जो 18 अप्रैल 2021 को उदित होगा, अत: इस अवधि में भी शादियां नहीं हो पाएगी.


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