दुर्लभ जईया मिर्ची में विटामिन के गुण पाए जाते है. भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई में किए गए शोध के अनुसार जईया मिर्च में 2.0 प्रतिशत कैप्साइसिन यौगिक पाई जाती है. जो मानव शरीर के बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होती है.
Trending Photos
बलरामपुर: जिले में दुर्लभ जईया मिर्ची की खेती कर एक युवा ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है. युवक रामलाल लहरे की मेहनत रंग लाई है, दुर्लभ हो चुके मिर्ची के प्रजाति जईया मिर्ची को कानपुर आईआईटी बिजनेस मॉडल बनाने की तैयारी में है, तो वहीं युवा कृषक रामलाल लहरे को जईया मिर्च की खेती करने और उसको प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से स्थानीय प्रशासन ने 5 एकड़ की जमीन दी है.
सुनो, गाइडलाइन का DJ: अतिथि तुम `कम` आना; `बैंड-बाजा-बारात` भी Limited ही लाना प्लीज!
दरअसल वाड्रफनगर विकासखण्ड के मोहली निवासी युवा कृषक रामलाल लहरे जईया मिर्च की खेती कर रहे है, लेकिन उनके इस काम मे सीमित संसाधन और जमीन की कमी रोड़ा बन रही थी. जिसे अब जिला प्रशासन ने हल कर दिया है. कृषक लहरे को राजपुर विकासखण्ड के ग्राम परसागुड़ी में 5 एकड़ जमीन खेती करने के लिए कलेक्टर की पहल पर दी गई है.
1 वर्ष की फेलोशिप
अब आईआईटी कानपुर ने जईया मिर्च की खेती को बिजनेस मॉडल बनाने की तैयारी में है. रामलाल बताते हैं कि आईआईटी कानपुर के इंक्यूपेशन सेंटर में फेलोशिप के जरिये 12 महीनों तक रिसर्च किया जाएगा. जहां आईआईटी उन्हें इनक्यूबेशन सेंटर में एक्सपर्ट और टेक्निकल सपोर्ट देगा. प्रोडक्ट के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रोसेसिंग यूनिट, डेवलपमेंट, मार्केटिंग, सेल जैसी जरूरी मदद भी संस्थान करेगा. उन्हें फेलोशिप के प्रति माह 30 हजार रुपये भी दिए जाएंगे.
मिला है नेशनल अवॉर्ड
रामलाल ने साइंस कॉलेज से बायोटेक में एमएससी किया है. वह गोल्ड मेडलिस्ट रहे है. कृषि क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली ने उन्हें नेशनल इनोवेटिव फॉर्मर अवॉर्ड से भी नवाजा है.
औषधि गुणों से भरपूर मिर्च
दुर्लभ जईया मिर्ची में विटामिन के गुण पाए जाते है. भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई में किए गए शोध के अनुसार जईया मिर्च में 2.0 प्रतिशत कैप्साइसिन यौगिक पाई जाती है. जो मानव शरीर के बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होती है.रामलाल लहरे के मुताबिक 4 साल की मेहनत के बाद उन्होंने जईया मिर्ची का अचार बनाया था. जो एंटी डायबटीज का काम करती है. इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने में सहायक होती है. इसे मधुमेह और कैंसर के लिए भी उपयोगी माना गया है.
कोरोनाकाल में लगाए पौधे
रामलाल लहरे बताते हैं की उन्होंने पहाड़ी इलाको से ढूंढ कर जईया मिर्ची का पौधा लाया था. उसी एक पौधे से उन्होंने जईया मिर्ची की खेती की थी और अब वर्तमान समय मे उनके पास जाईया मिर्ची के एक हजार से अधिक पौधे तैयार है.
WATCH LIVE TV