फिल्म `शेरनी` के डायरेक्टर ने मंत्री द्वारा शूटिंग रुकवाने की बात को किया खारिज, जानें क्या कहा
सैयद जैद ने कहा, ``मंत्री विजय शाह को हमने ही डिनर के लिए बुलाया गया था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आ पाए.`` उन्होंने वन मंत्री विजय शाह के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार, न विभाग, पर्यटन विभाग, बालाघाट कलेक्टर के प्रति आभार व्यक्त किया है.
बालाघाट: एक्ट्रेस विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी' को लेकर मध्य प्रदेश में इन दिनों सियासत गर्म है. कांंग्रेस ने शिवराज सरकार के वन मंत्री विजय शाह पर आरोप लगाया है कि विद्या बालन द्वारा डिनर की पेशकश ठुकराने से नाराज होकर उन्होंने फिल्म की शूटिंग रुकवाने का प्रयास किया. इस मामले में मंत्री विजय शाह अपनी सफाई पेश कर चुके हैं. अब 'शेरनी' फिल्म के निर्देशक सैयद जैद अली ने मंत्री पर लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
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सैयद जैद ने कहा, ''मंत्री विजय शाह को हमने ही डिनर के लिए बुलाया गया था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आ पाए.'' उन्होंने वन मंत्री विजय शाह के साथ ही मध्य प्रदेश सरकार, न विभाग, पर्यटन विभाग, बालाघाट कलेक्टर के प्रति आभार व्यक्त किया है. सैयद ने कहा, ''फिल्म की शूटिंग के दौरान मंत्री सहित सभी विभागों और अधिकारियों ने बहुत सहयोग किया. हमें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई.''
कांग्रेस ने वन मंत्री पर लगाया था शूटिंग रुकवाने का आरोप
आपको बता दें कि कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बीते शनिवार को मंत्री विजय शाह पर आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि वन मंत्री शाह ने विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी' की शूटिंग महज इसलिए रुकवा दी क्योंकि अभिनेत्री ने उनका डिनर ऑफर ठुकरा दिया था. मीडिया में भी इस घटना की काफी चर्चा हुई. हालांकि, मंत्री विजय शाह की ओर से बताया गया कि फिल्म निर्माताओं की ओर से तय से ज्यादा जनरेटर टाइगर रिजर्व में ले जाने के कारण डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) ने कुछ देर के लिए उनकी गाड़ियों को रोक लिया था. बाद में यह मुद्दा सॉल्व हो गया था और फिल्म की शूटिंग में कोई बाधा नहीं आई.
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जानें क्या है पूरा मामला?
विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी' की शूटिंग एमपी में चल रही थी. बालाघाट टाइगर रिजर्व में शूटिंग के लिए फिल्म निर्माताओं ने प्रशासन से 20 अक्टूबर से 21 नवंबर तक की परमिशन ली थी. इस बीच मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने विद्या बालन से मिलने की इच्छा जाहिर की. आठ नवंबर को सुबह 11 से 12 बजे के बीच मिलने का समय तय हुआ. शाह को उसी दिन शाम 4 बजे महाराष्ट्र के ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व जाना था. उन्हें रात को वहीं रुकना था. मगर वो भरवेली खदान के रेस्ट हाउस में रुक गए.
शाम को 5 बजे मंत्री विजय शाह विद्या बालन से मिलने पहुंचे. मुलाकात के बाद उन्होंने डिनर की इच्छा जताई. विद्या शूटिंग के लिए बालाघाट से सटे महाराष्ट्र के गोंदिया में रुकी हुई थीं. इसीलिए उन्होंने डिनर के लिए मना कर दिया. ऐसी बातें चल पड़ीं कि जब अगले दिन जब फिल्म यूनिट शूटिंग के लिए बालाघाट टाइगर रिजर्व पहुंची तो डीएफओ ने उनकी गाड़ियां रोक दीं. इसकी जानकारी बड़े अफसरों तक जब पहुंची तो उन्होंने तुरंत एक्शन लिया. उनके निर्देश पर फिर से शूटिंग शुरू हो गई.
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वन मंत्री विजय शाह ने क्या कहा?
मीडिया में खबरें चलीं तो वन मंत्री विजय शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि विद्या बालन से मुलाकात की बात एकदम सही थी. लेकिन डिनर की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की गई थी. उन्होंने फिल्म यूनिट की गाड़ियों के रोके जाने के बारे में कहा कि शूटिंग के लिए सिर्फ दो जनरेटर ले जाने की अनुमति थी, लेकिन उस दिन अलग-अलग गाड़ियों पर लदे कई जनरेटर टाइगर रिजर्व में ले जाए जा रहे थे. इसलिए डीएफओ ने उन्हें प्रवेश से रोका था.
वन मंत्री विजय शाह कहा, ''मैं पूछना चाहता हूं शूटिंग कब कैंसल हुई? जिन्होंने अनुमति ली थी उनके निमंत्रण पर मैं गया था, एक महीने बाद. अक्टूबर से शूटिंग चल रही थी. मैं नहीं गया. उन्होंने कहा था आप जब महाराष्ट्र जाएं तो बालाघाट होते हुए जाएं. हमारी यूनिट के साथ डिनर करिए. जब मैं एक महीने बाद बालाघाट गया तो वहां से महाराष्ट्र गया. किसी कारण से डिनर कैंसल हो गया. ये कारण तो उनसे पूछा जाना चाहिए जिन्होंने अनुमति ली. शूटिंग कैंसल नहीं हुई. शासन-प्रशासन और वन विभाग के सहयोग से शूटिंग निरंतर चलती रही.''
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