मनोज जैन/उज्जैन: उज्जैन में नानाखेड़ा स्थित होटल शांति पैलेस मामले में मंगलवार को आर्थिक अपराध शाखा (EoW-इकोनॉमिक ऑफेंस विंग) ने बड़ी कार्रवाई की. ईओडब्ल्यू ने होटल संचालक चंद्रशेखर श्रीवास और कांग्रेस के एक बड़े नेता के साथ ही गृह निर्माण संस्थाओं के 2 पूर्व अध्यक्ष और 8 सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज किया है. यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हुई जांच के आधार पर की गई है.


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उज्जैन के नानाखेड़ा स्थित थ्री स्टार होटल 'शांति पैलेस क्लार्क इन' का अवैध रूप से साठगांठ करके निर्माण कर लिया गया था. इस पूरे अवैध निर्माण पर एक गोपनीय शिकायत हुई, जिसके बाद जब कागजों को देखा गया तो पता चला कि पूरा होटल अवैध जमीन पर खड़ा कर लिया गया है. इसमें न सिर्फ गृह निर्माण मंडल के सदस्य बल्कि सरकारी अधिकारियों की भी सांठगांठ निकलकर सामने आई.


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हालांकि होटल को हाई कोर्ट के आदेश के बाद 7 जुलाई 2019 को विस्फोटक से ढहा दिया गया था. लेकिन अब एक बार फिर ईओडब्ल्यू में इसकी शिकायत के बाद कुल 12 लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. इसमें एसडीएम, पटवारी, ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक सहित कांग्रेस नेता और सब इंजीनियर भी शामिल हैं.


इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
आर्थिक अपराध शाखा ने चंद्रशेखर श्रीवास निवासी सुदामा नगर, संपत्ति में भागीदार उनके परिवार की एक महिला, आदर्श विक्रम गृह निर्माण सोसायटी के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता योगेश, नमन गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष मनोज, अंजली गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष नंदकिशोर शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया है.


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ये भी बनाए गए हैं सह-आरोपी
इसके अलावा तत्कालीन पटवारी आदर्श जामगढ़े, टी एंड सीपी के तत्कालीन संयुक्त संचालक राजीव कुमार पांडेय, तत्कालीन एसडीएम आरएस मीणा, नगर निगम रतलाम के वर्तमान एक्जिक्यूटिव इंजीनियर और उज्जैन नगर निगम में पूर्व में पदस्थ रहे जीके जायसवाल, सब इंजीनियर श्याम सुंदर शर्मा, नगर निगम स्टोर विभाग के लिपिक भूपेंद्र वेगड़ और नगर निवेश विभाग के सुप्रीटेंडेट इंजीनियर रामबाबू शर्मा को भी ईओडब्ल्यू ने आरोपी बनाया है.


जानिए क्या है यह पूरा मामला
इन सभी आरोपियों ने तीन गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन को आपसी सांगांठ कर पहले आवासीय के रूप में डायवर्ट कराया और बाद में इसे कृषि उपयोग की बताकर होटल संचालक को बेच दिया. होटल संचालक चंद्रशेखर श्रीवास ने इस जमीन पर नियमों के विपरीत जाकर होटल निर्माण की अनुमतियां प्राप्त की थीं.


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