मुश्किलों से डॉक्टर बना MP के किसान का बेटा, कोरोना का इलाज करते-करते गंवाई जान
मध्य प्रदेश के रहने वाले 27 साल के जूनियर रेजिंडेंट डॉक्टर जोगिन्द्र चौधरी की कोरोना से मौत हो गई हैं. डॉ. जोगिन्द्र मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले थे. डॉ. जोगिन्द्र लगातार कोविड-19 के मरीजों की सेवा कर रहे थे.
भोपाल: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिसके साथ ही कोविड-19 के खिलाफ जंग में सबसे आगे रहकर लड़ने वाले कई डॉक्टर्स अपनी जान गंवा चुके हैं. मध्य प्रदेश के रहने वाले 27 साल के जूनियर रेजिंडेंट डॉक्टर जोगिन्द्र चौधरी की कोरोना से मौत हो गई हैं. डॉ. जोगिन्द्र मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले थे. डॉ. जोगिन्द्र लगातार कोविड-19 के मरीजों की सेवा कर रहे थे.
जानकारी के मुताबिक जोगिन्द्र जून के महीने में कोरोना संक्रमित हो गए थे. जिसके बाद से उनका इलाज किया जा रहा था.
बताया जा रहा है कि पहले डॉ. जोगिन्द्र को लोकनायक जय प्रकाश हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था. यहां प्लाजमा थेरेपी के जरिए उनका इलाज किया गया. इस थेरेपी से भी उनकी हालात में कुछ सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद जोगिन्द्र के परिजनों के कहने पर उन्हें गंगाराम हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया. 5 जुलाई से जोगिन्द्र का इलाज गंगाराम हॉस्पिटल में चल रहा था, जहां शनिवार देर रात उनका निधन हो गया.
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डाक्टर्स एसोसिएशन ने जोगिन्द्र की मौत के बाद दिल्ली सरकार से मुआवजे की मांग की है. एसोसिएशन की मांग है कि तय मानकों के आधार पर जोगिन्द्र के परिवार वालों को 1 करोड़ रुपये दिए जाएं और परिवार के एक सदस्य को सरकार नौकरी भी दे. डॉक्टर्स का कहना है कि जोगिन्द्र एक किसान का बेटा था. वो बड़ी मेहनत के साथ डाक्टर की पढ़ाई पूरी करके मध्य प्रदेश से दिल्ली तक पहुंचा था. लेकिन महज 27 साल की उम्र में उसकी कोरोना ने जान ले ली.
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