इंदौरः मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के पोलोग्राउंड क्षेत्र में गुरुवार रात विद्युत मंडल कार्यालय में आग लग गई, जिससे आधा शहर अंधेरे में डूब गया. रात करीब 8:30 बजे चंबल ग्रिड से जुड़े पोलोग्राउंड स्थित 66 एमवीए की ग्रिड में अचानक आग लग जाने से लैब में रखा करोड़ों का रिसर्च उपकरण भी जलकर खाक हो गए. मिली जानकारी के मुताबिक, देर रात छात्रों ने बायो साइंस और बायो इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बनी लैब से धुआं उठता देखा. जिसके बाद छात्रों ने इसकी जानकारी डायरेक्टर प्रदीप माथुर को दी. डारेक्टर प्रदीप माथुर जब घटना स्थल पर पहुंचे तब तक आग काफी बढ़ चुकी थी.


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वहीं लैब में लगी आग की सूचना सिमरोल थाने व फायर ब्रिगेड इंदौर को दी गई. जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाने की कोशिशें शुरू कीं और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग की वजह शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया रात करीब 8:30 बजे डीपी से विस्फोट की आवाज सुनाई देने लगी और 132 केबी डीपी में भयानक आग लग गई. आईआईटी कैंपस के सूत्रों ने बताया कि डीपी में जो ट्रांसफर्मर्स लगे हुए थे, उसमें 20 हजार लीटर ऑयल था. जिसकी वजह से आग ने भीषण रूप ले लिया और विस्फोट के साथ ही ट्रांसफर्मर भी उड़ने लगे.



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वहीं ग्रिड में आग लगने के बारे में अफसरों का कहना है कि संभवतः शॉर्ट सर्किट या लोड बढ़ने के कारण ट्रांसफार्मर में विस्फोट हुआ होगा. जिससे डीपी में आग होने के कारण आग ने भयावह रूप ले लिया. ऑयल की वजह से ही ग्रिड के आस-पास आग फैल गई. वहीं घटना स्थल पर पहुंची फायर ब्रिगेड रात भर आग पर काबू पाने की कोशिश करती रही, जिसके बाद करीब 12 बजे तक आग को कंट्रोल किया गया. हालांकि तब तक काफी नुकसान हो गया था. अफसरों ने आशंका जाहिर की है कि आग की वजह से 10 से 15 करोड़ का नुकसान हुआ है. इस दौरान आधे शहर में ब्लैक आउट हो गया. जिसके बाद आग पर काबू पाने के बाद दूसरी लाइन जोड़कर शहर में बिजली शुरू की गई.