पशुओं को सजा कर उनके आसपास फोड़ते हैं पटाखे, क्योंकि यहां है अनूठी परंपरा
इस परम्परा में पशुओं को सजाधजा कर सड़को पर बाहर निकाला जाता है. जहां पशुओं के सामने जमकर आतिशबाजी की जाती है. आतिशबाजी के दौरान पशु भी इधर-उधर दौड लगाते नजर आते है.
खरगोन: दीपावली के दूसरे दिन खरगोन जिले के ग्रामीण अंचलों एंव शहर के पहाड़सिंह पूरा जैतापुरा इलाके में पड़वा पर्व पर निमाड़ में पशुधन को सजाकर पशुओं पर पटाखे फोड़ने की अनोखी परंपरा है. पशुधन को सजाकर उनके पैरों में पटाखे फोड़कर उन्हें डराया जाता है. यहां पर लोग घर के आंगन में गोवर्धन पूजा करते है फिर इलाके में पशुओं को दौड़ा -दौड़ाकर उनके पैरों में फटाखे फोड़े जाते है.
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दौड़ते नजर आए पशु
इस परम्परा में पशुओं को सजाधजा कर सड़को पर बाहर निकाला जाता है. जहां पशुओं के सामने जमकर आतिशबाजी की जाती है. आतिशबाजी के दौरान पशु भी इधर-उधर दौड लगाते नजर आते है. खासकर के निमाड अंचल में पशुओं को श्रृंगार कर उनके सामने पटाखे छोडने की वर्षों से परंपरा चली आ रही है. जिसका आज भी समूचे जिले के गांवों में किसानों द्वारा बखूबी निर्वहन किया जा रहा है.
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घरों के चौखट में बनाई आकृति
दीपावली के दूसरे दिन समूचे निमाड अंचल में हर घर में गोवर्धन पूजा की गई. इस दौरान किसान परिवारों ने अपने पशु धन की पूजा के साथ अपने-अपने घरों की चैखट के सामने गोबर से निर्मित गोर्वधन की आकृति बनाकर महिलाओं द्वारा गोर्वधन की पूजा कर घर परिवार में सुख-समृद्धि और पशुधन की वृद्धि और उनकी रक्षा करने की कामना की गई.
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