हाथरस: हाथरस कांड की जांच कर रही सीबीआई अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पुलिस की सुरक्षा में गुजरात के गांधीनगर लेकर गई है. यहां के इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज में चारों आरोपियों का नॉर्को, पॉलीग्राफी व ब्रेन मैपिंग टेस्ट होगा. न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद सीबीआई की एक टीम शनिवार देर शाम चारों को लेकर गुजरात के लिए रवाना हुई थी. इस दौरान अगर कुछ दिन गुजरात में रुकना पड़ा तो आरोपियों को गांधीनगर जेल में रखा जाएगा. अदालत ने अपने आदेश में इस बात का उल्लेख किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

BJP संगठन में पद की चाह रखने वाले सीनियर नेताओं को झटका, केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया क्राइटेरिया


चार आरोपितों में एक नाबालिग है. गुजरात की राजधानी गांधीनगर के  इन चारों का नॉर्को टेस्ट होगा. चारों आरोपित करीब दो महीने से अलीगढ़ जेल में बंद हैं. इस केस की जांच कर रही सीबीआई ने पीड़ित पक्ष के साथ ही घटना के सबसे पहले चश्मदीद छोटू का भी नॉर्को टेस्ट कराने की योजना तैयार की थी, लेकिन पीड़ित परिवार के साथ छोटू ने नॉर्को टेस्ट कराने से साफ इनकार कर दिया है. दीपावली से पहले हाथरस में रहकर लगातार 42 दिन तक इस केस के हर पहलू की बारीकी से जांच करने वाली सीबीआइ ने बूलगढ़ी गांव में घटना स्थल पर कई बार सीन रिक्रिएशन भी किया था.


गौ भक्ति पर BJP-कांग्रेस में श्रेय की होड़, खुद को बता रहे सच्चे गौ भक्त


पीड़ित पक्ष के साथ ही आरोपितों के घर पर कई बार पड़ताल करने वाली सीबीआइ ने बूलगढ़ी गांव के साथ ही पास के गांवों में भी इस केस के बारे में पड़ताल की थी. सीबीआइ ने इस केस में हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, एसपी के साथ निलंबित एसपी विक्रांत वीर व सीओ के साथ चंदपा थाना के सभी पुलिसकर्मियों से पूछताछ कर चुकी है. इसके साथ ही चंदपा के सीएचसी तथा अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के स्टाफ से भी सीबीआई ने इस केस के संबंध में गहन पड़ताल की है. हाथरस में पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा सीआरपीएफ कर रही है. 


अगर आपके 'लाल' को बिस्किट से है लगाव तो ये खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए


क्या है हाथरस कांड?
हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप का मामला प्रकाश में आया था. पीड़िता के परिवार ने गांव के ही चार युवकों पर वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया था. चारों जेल में बंद हैं. पीड़िता को इलाज के लिए पहले जिला अस्पताल, फिर अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज और हालत गंभीर होने पर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी. पुलिस ने मृतक युवती के पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए गैंगरेप नहीं होने की बात कही थी. योगी सरकार ने केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया, बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी


WATCH LIVE TV