राजनादगांव: छत्तीसगढ़ में महिलाएं और बच्चे सावधान रहें क्योंकि डोंगरगढ़ में ऐसी मानव तस्करी का खुलासा हुआ है, जिनके लोग पूरे छत्तीसगढ़ में फैले हुए है. आरोपियों ने डोंगरगढ़ की एक महिला को अगवा कर रायपुर, दिल्ली और हरियाणा में बेचा. महिला के साथ पहले मार्निंग वॉक के दौरान आरोपी लड़की ने दोस्ती की और उसे घर ले जा कर चाय में पिलाई जिसके बाद वह बेहोश हो गई. महिला के बेटे को भी जान से मारने की धमकी देकर उसे आगे बेचा गया. महिला कैसे तस्करों से छूटी, कैसे पुलिस के पास पहुंची जानिए........ 


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बता दें कि पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों जिसमे सलमान खान, जुनैद खान, शुभम तिवारी और साजदा सय्यद सभी डोंगरगढ़ निवासी को गिरफ्तार किया है.


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दोस्ती कर किया अगवा
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दस सितम्बर को वह मार्निंग वाक पर निकली थी तो पूर्व परिचित जुबैदा ने उसे अपने घर पर बुलाकर चाय पिलाई इसके बाद वह बेहोश हो गई, फिर आरोपियों द्वारा उसे पहले डोंगरगढ़ से रायपुर ले गए और रायपुर से हवाई जहाज से दिल्ली और दिल्ली से हरियाणा ले जाया गया जहां उसे एक किराए के मकान में रखा गया था.


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बच्चे को जान से मारने की धमकी और दुष्कर्म
पीड़ित महिला ने बताया के बच्चे को जान से मारने की धमकी दे कर आरोपियों द्वारा उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया. मामला दुष्कर्म तक ही नहीं रुका और हरियाणा ले जा कर किसी सुरेश को बेच दिया गया, पर जब मैंने अपने पहले से शादीशुदा होने की बात सुरेश को बताई तो सुरेश ने मुझे चारों आरोपियों को वापस दे दिया. 


जबरन शादी करवाई
महिला ने बताया कि आरोपियों ने एक अन्य व्यक्ति राजेश चमरा के साथ जबरन मेरी शादी करा दी गई परंतु जब शादी के बाद मैंने राजेश को अपने पहले से शादीशुदा होने की बात बताई तो राजेश द्वारा स्थानीय पार्षद के साथ मिल कर मुझे पुलिस थाने ले जाया गया. जहां से उसे सुरक्षित ट्रेन में बैठाकर दुर्ग भेज दिया गया. 


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कई और युवतियों कि किया अगवा
पीड़ित महिला ने पुलिस को ये भी बताया कि उसके साथ फ्लाईट में चार और लडकियां भी थी जिसमे एक दुर्ग और एक राजनांदगांव की थी. बाकी दोनों लडकियां छत्तीसगढ़ से ही कही की थी. 


पुलिस खामोश बैठी रही
जिले के डोंगरगढ़ निवासी महिला वंदना जैन और उसका 3 वर्षीय पुत्र दिव्यांश जैन के गुम होने की शिकायत उसके पति शुभम जैन द्वारा डोंगरगढ़ थाने में दर्ज कराई गई थी महिला के पति ने पुलिस को अपहरण की आशंका भी जताई थी, लेकिन पुलिस केवल गुम इंसान का मामला दर्ज कर खामोश बैठ गई. जिसके बाद  सोमवार पीड़िता और उसके पुत्र को साथ लेकर पीड़िता का पति शुभम जैन डोंगरगढ थाने पहुंचा और पीड़िता महिला ने अपनी आप बीती पुलिस को बताई.


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पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
इस पूरे मामले मे डोंगरगढ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खडे होते है. महिला और बच्चे की गुम होने की रिपोर्ट और अपहरण की आशंका बताये जाने के बावजूद भी पुलिस द्वारा इस दिशा मे कोई कार्यवाही नहीं की गई. पीड़िता ने खुद को बड़ी बहादुरी के साथ अपहरणकर्ताओ के चुंगल से छुड़ाया और पुलिस को जानकारी दी तब जाकर पुलिस एक्शन में आयी.


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