तीन बार मौत को मात देने के बाद इयान जब ठीक होकर वापस अपने वतन लौटने की तैयारी कर रहे थे. तभी उन्हें राजस्थान के ग्रामीण इलाके में एक कोबरा सांप ने डस लिया.
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कुछ लोगों में दूसरों की मदद करने का इतना जज्बा होता है कि वह अपनी जीवन की भी परवाह नहीं करते. ऐसे ही लोगों में से एक हैं ब्रिटेन के इयान जोंस. इयान एक चैरेटी वर्कर हैं और राजस्थान के गरीब पारंपरिक कारीगरों के सामानों को विदेशी बाजार में बेचने में मदद करते हैं, जिससे गरीब कारीगरों का जीवन स्तर बेहतर हो सके. हालांकि दूसरों की सेवा करने के चक्कर में इयान बीते कुछ दिनों में ही चार बार मौत के मुंह में जाने से बचे हैं.
दरअसल इयान कारीगरों की मदद के लिए बीते कई माह से राजस्थान में ही रह रहे हैं. इस कड़ी में पहले उन्हें मलेरिया हुआ और फिर डेंगू. इन दोनों जानलेवा बीमारियों को हराकर इयान ठीक ही हुए थे कि कोरोना वायरस माहमारी की चपेट में आ गए.
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राजस्थान के ग्रामीण इलाके में कोबरा ने डसाः हालांकि इयान ने यहां भी हिम्मत नहीं हारी और कोरोना को भी मात दे दी. लेकिन कई बार जिंदगी इम्तहान की झड़ी लगा देती है. ऐसा ही कुछ इयान के साथ भी हुआ. तीन बार मौत को मात देने के बाद इयान जब ठीक होकर वापस अपने वतन लौटने की तैयारी कर रहे थे. तभी उन्हें राजस्थान के ग्रामीण इलाके में एक कोबरा सांप ने डस लिया.
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दरअसल इयान जोधपुर के ग्रामीण इलाके में रह रहे थे. उनके पास एक पालतू कुत्ता है. बीते हफ्ते इयान के पालतू कुत्ते को घर में कोबरा सांप दिखाई दिया, जिसे देखकर कुत्ते ने जोर-जोर से भोंकना शुरू कर दिया. कुत्ते को भोंकता देख इयान जब उसके पास पहुंचे तो तभी कोबरा सांप ने उन्हें दो बार डस लिया.
जैसे-तैसे कर उन्हें जोधपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के बाद अब उनकी हालत में सुधार है. चूंकि इयान चैरिटी का काम करते हैं तो यकीनन उनकी आर्थिक हालत उतनी बेहतर नहीं थी.
चंदा जुटाकर ले जाया जा रहा ब्रिटेनः यही वजह है कि ब्रिटेन में रहने वाले उनके परिवार और जिस चैरिटी संस्था के लिए वह काम करते हैं, उन्होंने इयान के इलाज और उन्हें वापस ब्रिटेन लाने के लिए ऑनलाइन चंदा जुटाया. अब उनके पास 12 हजार पौंड की रकम जमा हो गई है. जिसके बाद जल्द ही इयान इंग्लैंड में आइसले ऑफ वाइट स्थित अपने घर लौट जाएंगे.
ऑनलाइन चंदा जुटाने वाली वेबसाइट गो फंड मी पेज पर इयान के बेटे ने अपने एक बयान में लिखा है कि 'मेरे पिता एक फाइटर हैं, भारत में रहने के दौरान वह कोरोना से संक्रमित होने से पहले मलेरिया और डेंगू से भी जूझ चुके हैं'.
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