भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण को लेकर कमलनाथ सरकार को घेरने में जुट गई है. बीजेपी ने 17 दिसंबर से शुरू हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी भी कर ली है.


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लेकिन, शीत सत्र की शुरुआत से पहले कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने इस मुद्दे पर बीजेपी को बड़ी चोट दी है. दरअसल, 17 दिसंबर को कमलनाथ सरकार अपने कार्यकाल का एक साल भी पूरा करने जा रही है और उससे पहले सरकार ने अतिथि विद्वानों को मनाने के लिए एक बड़ा दांव खेला है. पिछले 7 दिन से भोपाल के शाहजहांनी पार्क में धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों को उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने भरोसा दिया है कि 17 दिसंबर से अतिथि विद्वानों का चयन शुरू हो जाएगा.


जीतू पटवारी ने ये भी साफ कर दिया कि किसी भी अतिथि विद्वान को बाहर नहीं निकाला जाएगा. लेकिन, अतिथि विद्वानों को नियमित करने का फैसला कैबिनेट कमेटी ही लेगी.


उधर, इस मुद्दे पर बीजेपी अभी भी सरकार पर हमलावर है. धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों के समर्थन में बीजेपी उतर आई है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) आज शाहजहांनी पार्क पहुंचकर अतिथि विद्वानों के धरने में शामिल हुए.


इस मौके पर शिवराज सिंह ने कमलनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा. शिवराज सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार के राज में अन्याय की अति हो गयी है. लोकतंत्र में सरकार का ऐसा बर्बर व्यवहार पहले कभी नहीं देखा. शिवराज ने अतिथि विद्वानों से कहा कि कहीं प्रदर्शन पर सवाल ना खड़े हो जाएं, इसलिए वो अब तक जान बूझकर धरने में नहीं आए थे.


शिवराज सिंह ने एक साल बाद भी अतिथि विद्वानों को नियमित नहीं किए जाने पर कमलनाथ सरकार को घेरा और सरकार से अतिथि विद्वानों के बहाली के आदेश जारी करने की अपील की. इतना ही नहीं शिवराज सिंह ने अतिथि विद्वानों को नियमित करने के आदेश नहीं होने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.


वहीं, अतिथि विद्वानों के धरने में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की बात कही. गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वानों को भरोसा दिया कि. हक की इस लड़ाई में वो अकेले नहीं हैं, बीजेपी के सभी 108 विधायक उनकी मांगों के साथ खड़े हैं. गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण के मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाने का ऐलान किया है.