ग्वालियर: मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन अब कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा भी मंडराने लगा है. जिसका पता लगाने के लिए ग्वालियर में प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. अब शहर में पूल टेस्ट कराए जाएंगे. 


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जानकारी के मुताबिक, एक दिन में 1000 लोगों के कोरोना वायरस के टेस्ट कराए जाएंगे. प्रशासन की नजर फल, सब्जी, दूध वालों पर है. कुछ विशेष इलाकों में लगातार बढ़ते संक्रमण के चलते प्रशासन ने ये फैसला लिया है. 


आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, ग्वालियर में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 84 है. यहां से लगातार संक्रमण बढ़ने की खबरें सामने आ रही है. जिसे लेकर प्रशासन को कम्युनिटी स्प्रेड का डर सता रहा है. 


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क्या होता है कम्युनिटी स्प्रेड?


- किसी भी बीमारी या महामारी का कम्युनिटी स्प्रेड यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है, जब किसी संक्रमित व्यक्ति के सोर्स का कोई आधार ना हो.


- यानी आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं जिसे कोरोना वायरस था, लेकिन इसके बावजूद आप भी इससे पीड़ित हो गए हैं.


- जब किसी इलाके में अधिक संख्या में मामले आ जाएं और लगातार ये संख्या फैलती जाए तो उसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन कह सकते हैं.


- उदाहरण के तौर पर अभी आधिकारिक तौर पर अमेरिका में कोरोना वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड है, क्योंकि वहां बीस लाख से अधिक मामले आ चुके हैं जिसमें से अधिकतर में कोई लक्षण ही नहीं है.


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