MP: हाईकोर्ट का शासन को निर्देश, राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग और उत्पादन पर लगाएं बैन
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MP: हाईकोर्ट का शासन को निर्देश, राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग और उत्पादन पर लगाएं बैन

कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. गौरव पांडे नाम के शख्स ने कोर्ट में यह याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की, ''ऐसी मान्यता है कि यदि आप लंबे समय तक जीवित रहना चाहते हैं तो आपको पर्यावरण की सुरक्षा करनी होगी.''

सांकेतिक तस्वीर.

ग्वालियर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने राज्य सरकार से राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन और उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने कमलनाथ सरकार को राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियों को उत्पादन बंद करने के लिए निर्देश जारी करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. गौरव पांडे नाम के शख्स ने कोर्ट में यह याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की, ''ऐसी मान्यता है कि यदि आप लंबे समय तक जीवित रहना चाहते हैं तो आपको पर्यावरण की सुरक्षा करनी होगी.''

कमलनाथ सरकार को ग्वालियर हाईकोर्ट ने दिए ये निम्म​ निर्देश
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए शहरी क्षेत्र में लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए जगह-जगह वाटर डिसपेंसर लगाने, सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक बाॅटल क्रशर मशीन लगाने के लिए कहा. कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक बाॅटल के बदले लोगों को राशि का भुगतान की व्यवस्था करें. कोर्ट ने स्कूल और कॉलेजों में प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने के लिए कहा. वहीं दुकानदारों को कपड़े से बने कैरी बैग का उपयोग करने का भी निर्देश दिया है.

ग्वालियर हाईकोर्ट ने नागरिकों से भी जागरूक होने की बात कही
हाईकोर्ट ने शासन को प्रत्येक तीन महीने में कंप्लायंस रिपोर्ट भी पेश करने का निर्देश दिया है. सिंगल यूज प्लास्टिक में प्लास्टिक पैकेजिंग, प्लास्टिक कैरी बैग, फूड पैकेजिंग, बाॅटल्स, स्ट्राॅ, कंटेनर्स आदि शामिल हैं. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, ''ऐसे पदार्थ जो प्राकृतिक तरीके से नष्ट नहीं होते जैसे प्लास्टिक, पॉलिथीन व अन्य (नाॅन-बाॅयोडिग्रेडेबल), उनका उपयोग प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण और अप्रत्यक्ष रूप से आमजन को नुकसान पहुंचाता हैं. प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन पर रोक लगाएं. केवल शासन को दिशा निर्देश जारी करने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता. इसके लिए नागरिकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता है.''

प्रधानमंत्री भी सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने की बात कहते हैं
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 21 जनवरी 2019 को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में कार्ययोजना पेश की थी. इसमें 2022 तक देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते वर्ष 15 अगस्त के दिन लालकिले से अपने संबोधन में देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने की घोषणा की थी और राज्य सरकारों से भी इसे सुनिश्चित करने का आग्रह किया था. 

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