सरवर अली/कोरियाः उज्जैन के महाकाल मंदिर में कुछ दिनों पहले ही सैकड़ों साल पुराने मंदिर के शिलालेख मिले थें. अब छत्तीसगढ़ राज्य में भी भगवान बुद्ध की खंडित मूर्ति मिलने की बात सामने आई है. यह मूर्ति कोरिया जिले में एक ग्रामीण द्वारा घर निर्माण की खुदाई में मिली है. मूर्ति पुरातत्व विभाग को सौंप दी गई है. ग्रामीणों को मानना है कि मूर्ति कई साल पुरानी हो सकती है.  


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पत्थर का पैर दिखने पर रोकी खुदाई
यहां भरतपुर के उचेहरा गांव में भगवान बुद्ध की खंडित मूर्ति पाए जाने के बाद से लोगों में उत्सुकता और रोमांच का माहौल है. दरअसल, ग्रामीण नंदलाल बैगा घर बनाने के लिए मिट्टी की खुदाई कर रहे थें. कुछ गहरी खुदाई करने के बाद उन्होंने देखा कि पत्थर से बना हुआ पैर मिट्टी में दबा पड़ा हुआ है. जिसे उठाने पर उन्हें लगा पत्थर का पैर बहुत प्राचीन हो सकता है.


नीचे खुदाई में मिली मूर्ति
उत्सुकतावश वहां उपस्थित गांव के बाकी लोगों ने नीचे तक खुदाई कर डाली. खुदाई में मूर्ति दिखते ही वहां मौजूद गांव वाले आश्चर्यचकित रह गए. उन्होंने देखा कि नीचे भगवान बुद्ध का पूरा चेहरा मौजूद है, जो कि पत्थरों से ही बना हुआ है. खुदाई में खंडित मूर्ति का जितना भी भाग मिला है, वो भगवान बुद्ध का ही नजर आ रहा है. ग्रामीणों को लगता है कि किसी जमाने में यहां बुद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहा करते होंगे.


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पुरातत्व विभाग को भेजे गए अवशेष
मूर्ति सामने आते ही पुलिस को इसकी सूचना दी गई, जिन्होंने पुरात्व विभाग को बुलाया. खुदाई में मिली मूर्ति कईं टुकड़ों में बाहर निकाली गई है. इतने ज्यादा अवशेषों में मूर्ति मिलने के बाद ग्रामीणों से कहकर खुदाई को तुरंत बंद करवाया गया है. मूर्ति के सारे अवशेष पुरातत्व विभाग को सौंप दिए गए हैं. अब वे ही बताएंगे कि मूर्ति कौन से जमाने की है और कितनी ऐतिहासिक है?


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