कांग्रेस के 15 साल पुराने जिला सरकार फॉर्मूला को लागू करने के लिए कानून लाएगी कमलनाथ सरकार
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कांग्रेस के 15 साल पुराने जिला सरकार फॉर्मूला को लागू करने के लिए कानून लाएगी कमलनाथ सरकार

विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेस सरकार योजना आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू करेगी. इस आयोग के अध्यक्ष पद पर सीनियर कांग्रेस लीडर को बैठाया जा सकता है.

जिला सरकार के बाद योजना आयोग - राज्य सरकार नीति आयोग के बाद खत्म हो चुकी योजना आयोग की परंपरा को प्रदेश में लागू करने की तैयारी में है.

भोपाल: कमलनाथ सरकार 15 साल पुराने दिग्विजय सिंह सरकार के पंचायत प्लान को लागू करने की तैयारी में है. इस फॉर्मूले के बाद जिला सरकार अस्तित्व में आ जाएगी, जिला सरकार को पास अपने जिले में काम करने के वो सभी अधिकार रहेंगे, जो प्रदेश में मुख्यमंत्री के पास रहते हैं. इस योजना पर अमल के लिए बाकायदा एक विधेयक लाया जा रहा है. इस विधेयक के बाद जिला सरकार में प्रभारी मंत्री, मुख्यमंत्री की भूमिका में आ जाएंगे. वो तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के ट्रांसफर जिलों के अंदर ही कर पाएंगे. 

इसी तरह हर ब्लॉक में 2 करोड़ का बजट होगा, जिसे पास करने का अधिकार जिला योजना समिति को होगा. इस समिति में जिलों के अंदर के नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद और जिला पंचायतों के जनप्रतिनिधि और अफसर भी शामिल होंगे. सरकार के योजना, सांख्यिकी विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर दिया है और इसे आने वाले विधानसभा सत्र में ही लाने की तैयारी है. 

कांग्रेस का कहना है कि ये सत्ता का विकेंद्रीकरण करने की महात्मा गांधी की परिकल्पना का हिस्सा है. इससे जिले स्तर की विकास योजना की फाइल को भोपाल में मंजूरी की दिक्कत नहीं होगी और प्रभारी मंत्री जिला योजना समिति की बैठक में ही पूरा कर देंगे. कांग्रेस नेता माणक अग्रवाल कहते हैं कि दिग्विजय सिहं सरकार के वक्त लागू की गई इस योजना को बीजेपी सरकार ने पूरी तरह खत्म कर दिया था. यहां तक कि जिला पंचायत के पंच सरपंच और जिला पंचायत अध्यक्षों को अधिकार विहीन कर दिया था. अब उन्हें फिर से अधिकार संपन्न कराया जा रहा है. गांव के लोग अपना विकास खुद तय करेंगे.

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ये भ्रष्टाचार का नया रास्ता है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को उपकृत करने की तैयारी है. इससे भ्रष्टाचार ग्रामीण स्तर तक फैल जाएगा. अग्रवाल ने कहा कि भ्रष्टाचार के रास्ते रोकने के लिए बीजेपी मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी और एमपी में भ्रष्टाचार कतई नहीं होने देगी. अग्रवाल ने कहा कि विधेयक को आने दीजिये फिर देखते हैं.

जिला सरकार के बाद योजना आयोग - राज्य सरकार नीति आयोग के बाद खत्म हो चुकी योजना आयोग की परंपरा को प्रदेश में लागू करने की तैयारी में है. विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेस सरकार योजना आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू करेगी. इस आयोग के अध्यक्ष पद पर सीनियर कांग्रेस लीडर को बैठाया जा सकता है. इससे वित्तीय प्रबंधन अफसर के साथ एक जनप्रतिनिधि के पास रहेगा. 

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