सतीश तंबोली/ कवर्धा: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बीते रविवार की रात आदिवासी नाबालिग के साथ हुए कथित गैंगरेप का मामला फर्जी था. इस बात की पुष्टि पुलिस अधीक्षक ( SP) सलभ सिन्हा  ने की. उन्होंने कहा कि नाबालिग अपने पुरुष दोस्त के साथ बाहर गई थी और उसे घर आने में देर गई थी. इसी से बचने के लिए उसने पुलिस को गुमराह किया था और घर वालों को झूठी कहानी बता दी थी. 


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पुलिस को पहले ही हो गया था शक
जानकारी मुताबिक नाबालिग ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ सर्किट हाउस और वीआईपी रोड पर गैंगरेप हुआ था. नाबालिग के आरोप पर पुलिस 4 अज्ञात आरोपियों की भी तलाश शुरू कर दी थी. लेकिन सबसे भीड़भाड़ वाले जगह पर गैंगरेप की वारदात पुलिस को भी नहीं पची, जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग और उसके साथी से पूछताछ की, जिसमें दोनों फंस गए और सच्चाई उगल दिए.


दोस्त पर दर्ज हुआ FIR
पुलिस के मुताबिक जिस रात को नाबालिग घर देर से पहुंची थी, उस रात को उसके और दोस्त के बीच शारीरित संबंध बने थे. जिसकी वजह से घबरा गई थी. जब घरवालों ने देर से पहुंचने का कारण पूछा तो उसने गैंगरेप की झूठी कहानी बता दी. फिलहाल पुलिस ने नाबालिग के दोस्त के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है.


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मामले के बाद गरमा गई थी प्रदेश की सियासत
कथित रूप से आदिवासी नाबालिग के साथ गैंगरेप की घटना ने राजनैतिक रंग ले लिया था. बीजेपी सांसद संतोष पांडेय ने जल्द से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी. आरोपियों की गिरफ्तारी हो सके, इसके लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक सलभ सिन्हा से भी मुलाकात की थी. 


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