अखंड ज्योत में एक ऐसी पॉजिटिव एनर्जी होती है, जो शत्रुओं की बुरी नजर से आपकी रक्षा करती है. जैसे अंधेरे घर में दीपक की लौ रोशनी करती है, वैसे ही माता के नाम का ये दीपक हमारी जीवन के अंधकार को दूर करता है.
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गुंजन शर्मा/नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व होता है. पूरे नौ दिनों तक माता की पूजा के साथ-साथ अखंड ज्योत भी जलाई जाती है. अखंड ज्योत जो दिन-रात जलती रहे. इसे भक्त की आस्था से भी जोड़कर देखा जाता है.
क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योत?
मान्यता है कि अखंड ज्योत जलाने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.अखंड ज्योत में एक ऐसी पॉजिटिव एनर्जी होती है, जो शत्रुओं की बुरी नजर से आपकी रक्षा करती है. जैसे अंधेरे घर में दीपक की लौ रोशनी करती है, वैसे ही माता के नाम का ये दीपक हमारी जीवन के अंधकार को दूर करता है.
अखंड ज्योत को माता की प्रतिमा या तस्वीर के किस तरफ रखना चाहिए?
पुराणों में कहा गया है कि दीपक या अग्नि के समक्ष अगर कोई जप किया जाता है, तो उसका फल हजार गुना हो जाता है. अगर आप घी की ज्योत जला रहे हैं तो उसे हमेशा उनके दाहिनी ओर रखना चाहिए. अगर आप तेल की ज्योति जला रहे हैं तो उसे देवी के बाईं ओर रखना चाहिए. ध्यान रहे ये ज्योत शांत नहीं होनी चाहिए. समय-समय पर इसको सही करते रहना चाहिए और इसमें प्रयाप्त मात्रा में तेल घी हो इसका भी ख्याल रखें.
भूल कर भी ना करें ये काम
-अगर आपने घर में अखंड ज्योत जलाई है तो सबसे पहले हर रोज उस स्थान को साफ करें.
-पूजा के स्थान पर भूर कर भी पूरे घर में इस्तेमाल होने वाला पोछा ना लगाएं.
-घर को खाली या सूना ना छोड़ें
-एक बार में ही लंबी बत्ती बनाए, ताकि बार-बार उसे बदलने की जरूरत ना पड़े.
-कभी भी एक दीपक से अन्य दीपक ना जलाएं.
खास बातें-
-घी का दीपक जलाने से घर में उत्पन्न होती है सकारात्मक ऊर्जा
-विद्यार्थियों के लिए घी का दीपक जलाना शुभ होता है
-शनि के कुप्रभाव से मुक्ति के लिए तिल के तेल की अखंड ज्योत शुभ मानी जाती है
-कपूर डालकर दीपक जलाने से श्वास की परेशानी होती है दूर
-कपूर का दीपक नर्वस सिस्टम के लिए होता है लाभदायक