Gwalior Police: ग्वालियर पुलिस का अलग अंदाज नजर आया. इस बार पुलिस ने शहर में होली पर कुछ अलग किया है. ग्वालियर पुलिस ने इस होली में रंगों की जगह लोगों की मदद कर होली मनाई है. पुलिस ने मंगलवार को अपने हाथों से एक 80 साल की बुजुर्ग महिला को उसका आशियाना बनाकर दिया. साथ ही में चुनाव के प्रति भी लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया है. पुलिस ने चुनाव में लोगों से वोट डालने की अपील की है. 


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महिला के घर को बनाया मजबूत 


पुलिस की शांति समिति की बैठक में थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा ने आदिवासी बस्ती में रहने वाली 80 साल की बुजुर्ग महिला कोमल बाई के बारे में बताया था. वृद्धा का पति बीमारी के कारण इस दुनिया में नहीं है और फिर दोनों बेटे भी गुजर गये थें. उसके बाद वह नाती पोतों के सहारे एक झोपड़ी में रहकर अपना जीवन काट कर रही है. जिसके बाद पुलिस अधिकारी उसके झोपड़ी पर पहुंचे तो उसकी दयनीय स्थिति को देखने के बाद उन्होंने महिला की मदद की. 


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पुलिस कर्मियों ने आदिवासी महिला के लिए उसकी टूटी झोपड़ी को सही तरीके से बनाया. पुलिस अधिकारियों और जवानों ने नए टीनशेड लगाए. तीनों तरफ लकड़ी और खसखस की टटिया लगाकर उसको ग्रीन सिंथेटिक नेट से कवर कर दिया. जिससे घर मजबूत रहे और उसमें धूप भी न लगे. इसके साथ ही समाजसेवी ऋषभ यादव ने अम्मा के लिए गद्दा, रज़ाई व कुर्सी देकर आशियाना के सारे इंतजाम किए. जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने अम्मा को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी और उनका आशीर्वाद लिया. 


चुनाव  के प्रति किया जागरूक 


हस्तिनापुर थाने से पुलिस ने रंगो की फेरी निकाली थी, जिसमें पुलिस के साथ गांव वाले ढोल बाजे के साथ आये थे. बेहट एसडीओपी संतोष पटेल ने चुनाव जागरूकता गीत गाया जिसके बोल थे रंग गुलाल लगाना है, वोट डालने जाना है. वोट डालना बहुत ज़रूरी, वोट के बिन ज़िंदगी अधूरी. लोकतंत्र का जश्न मनाना है-वोट डालने जाना है.


होली से पहले शांति समिति की बैठक


ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के निर्देश थे कि होली से पहले सभी थानों में शांति समिति की बैठक की जाएगी. होली से एक दिन पहले हस्तिनापुर थाने में एएसपी उत्तर षियाज केएम के मार्गदर्शन में  बेहट के एसडीओपी संतोष कुमार पटेल और थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा के द्वारा शांति समिति की बैठक की गई थी. जिसमें थाना प्रभारी द्वारा यह निर्णय लिया कि होली में पुलिस  जितने रुपय रंगों में खर्च करती है उतने रुपए में हम किसी की मदद कर सकते हैं. 


ग्वालियर से प्रदीप मिश्रा की रिपोर्ट 


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