लोकसभा चुनाव से पहले संघ एक्टिव, 1 हफ्ते MP में रहेंगे डॉ मोहन भागवत, उज्जैन बना राजनीति का नया केंद्र
Ujjain News: आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जल्द ही मध्य प्रदेश के दौरे पर पहुंच रहे हैं. RSS प्रमुख 7 दिन तक उज्जैन में रहेंगे, ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनका यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.
Mohan Bhagwat in Ujjain: देश में लोकसभा चुनाव की सियासी हलचल शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल भी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं. वहीं चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी एक्टिव नजर आ रहा है. 6 से 8 फरवरी तक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत मध्य प्रदेश के उज्जैन दौरे पर रहेंगे, बताया जा रहा है कि इस दौरान उज्जैन में संघ का बड़ा शिविर लगेगा, जिसमें आगामी अभियान की रूपरेखा तैयार होगी. संघ प्रमुख का यह उज्जैन दौरा मध्य प्रदेश के सियासी नजरिए से भी बेहद अहम माना जा रहा है.
7 दिन उज्जैन में रहेंगे मोहन भागवत
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच संघ भी एक्टिव हो गया है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एक फरवरी से 1 सप्ताह तक मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वह सबसे ज्यादा तीन दिन उज्जैन में रहेंगे. इस दौरान वह सम्राट विक्रमादित्य भवन में कार्यकारिणी की बैठक में भी शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि इस दौरान संघ मालवा-निमाड़ में संघठन को लेकर मंथन करेगा. क्योंकि मालवा संघ का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है, जिसमें उज्जैन की भूमिका भी सबसे अहम रहती है. ऐसे में माना जा रहा है कि संघ प्रमुख, प्रांत के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ सालभर के काम-काज की समीक्षा कर आगे का टारगेट तय करेंगे. इस बैठक में राज्य की नई नवेली मोहन सरकार के कामकाज की समीक्षा भी हो सकती है, जिसे आगामी लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
सीएम मोहन भी कर सकते हैं मुलाकात
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस दौरान आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर सकते हैं. खास बात यह है कि सीएम मोहन संघ की पृष्ठभूमि से ही आते हैं, ऐसे में मोहन भागवत से उनकी मुलाकात लोकसभा चुनाव के नजरिए से अहम मानी जा रही है. वैसे भी नई सरकार बनने के बाद मोहन भागवत पहली बार उज्जैन के दौरे पर पहुंच रहे हैं, ऐसे में राजनीतिक जानकारों की नजरें भी उनके इस दौरे पर टिकी हुई है.
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उज्जैन बन रहा राजनीति का सियासी केंद्र
मध्य प्रदेश की राजनीति को करीब से समझने वाले यह बात अच्छे से जानते हैं कि मालवा-निमाड़ मध्य प्रदेश में आरएसएस का गढ़ माना जाता है, इसलिए इस क्षेत्र को हिंदुत्व की प्रयोगशाला भी कहा जाता है, जिसमें उज्जैन सबसे अहम है. क्योंकि उज्जैन शहर धार्मिकता के साथ-साथ प्रदेश की सियासत में अपना अहम योगदान रखता है. जबकि करीब 31 साल बाद बीजेपी ने मालवा के किसी नेता को प्रदेश की कमान सौंपी है. सीएम मोहन यादव के उज्जैन से आने की वजह से उज्जैन का वजन प्रदेश की राजनीति में और बढ़ गया है. उज्जैन संघ का प्रांतीय कार्यालय भी हैं ऐसे में संघ प्रमुख मोहन भागवत अक्सर यहां आते रहे हैं. इसके अलावा उज्जैन महाकाल लोक के दूसरे चरण का काम भी अगले साल तक पूरा हो जाएगा, जबकि 2028 में सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर भी संघ एक्टिव हो गया है. इसलिए मोहन भागवत के साथ-साथ उज्जैन में होने वाली आरएसएस की बैठक में इसमें सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य, अरुण कुमार, कृष्णगोपाल समेत सात बड़े पदाधिकारी शामिल होंगे.
उज्जैन से MP पर फोकस
मध्य प्रदेश के राजनीतिक जानकार बताते हैं कि उज्जैन को सियासी केंद्र बनाने की एक और बड़ी वजह भी है. जिसके चलते ही शायद मोहन यादव का चयन किया गया है. दरअसल, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पहले संघ सरकार चलवाया करता था. लेकिन मोहन यादव को सीएम पद की कमान सौंपने के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि अब संघ खुद सरकार चलाएगा. इतना ही नहीं एक डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को भी मालवा से ही बनाया गया है, जो मंदसौर जिले से आते हैं और संघ की पृष्ठभूमि से हैं. मतलब संघ मालवा के जरिए न केवल पूरे प्रदेश को साधने में जुटा है, बल्कि उज्जैन को केंद्र बनाकर प्रदेश पर भी पूरा फोकस बनाए रखना चाहता है.
2025 में संघ को होंगे 100 साल
खास बात यह भी है कि 2025 में संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो जाएंगे. आरएसएस के मालवा प्रांत में 28 जिले शामिल हैं, जिसमें संघ का अच्छा प्रभाव माना जाता है, मालवा प्रांत आरएसएस के उन कुछ क्षेत्रों में शामिल है जहां संघ की जागरण पत्रिका हर गांव में पहुंचती है. ऐसे में संघ के 100 साल पूरे होने को लेकर यहां कार्यकर्ताओं को अभी से एक्टिव होकर तैयारियों में जुटने के निर्देश भी इस बैठक में दिए जा सकते हैं.
मालवा-निमाड़ में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें
मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें आती हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मालवा-निमाड़ रीजन में हैं. उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, खरगोन, खंडवा, रतलाम, देवास और धार सीटें आती हैं. 2019 में बीजेपी ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार कांग्रेस भी सबसे ज्यादा यही एक्टिव है, ऐसे में बीजेपी ने भी मालवा-निमाड़ रीजन में सक्रियता बढ़ा दी है. वैसे भी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां अच्छी सफलता मिली है, जिससे पार्टी लोकसभा चुनाव में भी यह सफलता बरकरार रखना चाहती है. यही वजह है कि पार्टी ने 2024 के लिए भी इन सीटों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. माना जा रहा है कि इसी के तहत संघ भी अब इन सीटों पर एक्टिव हो गया है, जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है.
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