नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के नगर निगम क्षेत्र में भिक्षावृत्ति करना अब अपराध माना जाएगा. इतना ही नहीं इन पर कार्रवाई की तैयारी भी नगर निगम कर रहा है. नगर निगम कमिश्नर ने आदेश जारी कर नगर निगम क्षेत्र में भिक्षा मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में सिंगरौली नगर निगम द्वारा जारी आदेश को लेकर भिखारियों में हड़कंप मचा हुआ है. सिंगरौली ने भिक्षावृत्ति पर ऐसे समय में रोक लगाई है जब उच्च न्यायालय ने इसे अपराध मानने से इंकार किया है. 


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बता दें हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में भीख मांगने को अपराध ना मानते हुए उसे गरीब लोगों का मदद लेने का जरिया बताया था. इतना ही नहीं सरकार के लोगों को भोजन और जरूरत पूरी नहीं करने पर फटकार भी लगाई थी, लेकिन इसके विपरीत सिंगरौली नगर निगम कमिश्नर ने एक आदेश जारी कर पूरे नगर निगम क्षेत्र में भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने का फरमान सुनाया है.


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इस फरमान में साफ तौर पर नगर पालिका निगम की धारा 359, 360, 361, का पालन पालन करना बताया है. जिसमें उन्होंने आदेश दिया है कि कोई भी स्त्री, पुरुष या बच्चे भिक्षावृत्ति में संलिप्त पाए जाते हैं तो वह कानूनी अपराध माना जाएगा. इसके विपरीत सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह उन लोगों के साथ अन्याय हैं जो बिल्कुल निराश्रित हैं और उनको कहीं से मदद नहीं मिल रही है. ऐसे में वह कम से कम भिक्षावृत्ति करके ही वह अपना जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन इस फैसले के बाद वह अपना जीवन यापन कैसे करेंगे इसके लिए भी विचार करना पड़ेगा.


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वहीं नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि नगर पालिका निगम का अधिनियम अधिकार देता है कि अगर उनके क्षेत्र में कोई भी भिक्षावृत्ति को बढ़ावा देता है या करता है उसे रोकने का अधिकार है. उसी अधिकार का प्रयोग करते हुए उन्होंने भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. इस सवाल पर कि लोगों की मदद कैसे करेंगे तो नगर निगम कमिश्नर का कहना है कि हम ऐसे लोगों को चिन्हित भी करेंगे जिनको वाकई मदद की आवश्यकता है. उन्हें सरकार से मदद पहुंचाई जाएगी.