सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण के प्रपोजल को मंजूरी दे दी है. ओबीसी आरक्षण के मसले को अब मानसून सत्र में पेश किया जाएगा. ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने की घोषणा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव से पहले की थी और इसे वचन-पत्र में भी शामिल किया था.
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भोपालः मध्यप्रदेश सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों, पेंशनर्स के साथ ओबीसी वर्ग के लिए दो बड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने एक जनवरी 2019 से तीन फीसदी डीए की मंजूरी दी है, जिसका लाभ 7 लाख कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ 4.5 लाख पेंशनर्स को मिलेगा. दूसरे फैसले में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण के प्रपोजल को मंजूरी दे दी है. ओबीसी आरक्षण के मसले को अब मानसून सत्र में पेश किया जाएगा. ओबीसी आरक्षण को बढ़ाने की घोषणा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव से पहले की थी और इसे वचन-पत्र में भी शामिल किया था.
ऐसे में अब सरकार में आने के बाद शासन ने 8 मार्च को ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का फैसला लिया गया था. इसका अध्यादेश भी जारी किया गया, लेकिन दस दिन बाद ही इस फैसले को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी. बता दें अभी तक प्रदेश में अनुसूचित जातियों और जनजातियों को 36 फीसदी आरक्षण मिल रहा है. ऐसे में अब राज्य सरकार को अपने सभी विभागों में भर्ती के नियमों में बदलाव करना होगा.
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मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक 'सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित-जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) संशोधन अध्यादेश का अनुसमर्थन किया है. जिसके तहत राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में आरक्षण में वृद्धि के बाद अब राज्य के सभी विभागों को अपने भर्ती नियमों में बदलाव करना होगा.
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बता दें इसके साथ ही सरकार ने इस बैठक में अन्य कई और फैसले लिए हैं, जिनमें छतरपुर जिले में हीरा खदान की नीलामी को मंजूरी, उज्जैन में उपक्षेत्रिय विज्ञान केंद्र की स्थापना, तारामंडल के विस्तार की योजना, छिंदवाड़ा और जबलपुर में विज्ञान केंद्र, भोपाल में साइंस सिटी बनाने का प्रोजेक्ट शामिल हैं. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ की कैबिनेट बैठक में एवरेस्ट पर्वतारोही भावना डेहरिया और मेघा परमार का सम्मान किया गया.