मुरैना: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना पहुंचे. यहां उन्होंने करहधाम पर आयोजित सियपिय मिलन समारोह में हिस्सा लिया. मंदिर में पूजा और आरती की फिर संतों से आशीर्वाद लिया. दर्शन-पूजन के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने मीडिया​कर्मियों के सवालों के जवाब दिए.


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भारत सरकार आंदलनरत किसानों से चर्चा के लिए तैयार थी, है और रहेगी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार किसान नेताओं के साथ पूरी संवेनशीलता से उनके मुद्दों पर चर्चा कर रही है. सरकार आंदलनरत किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार थी, है और रहेगी. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव किसानों को दिया है.


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हमने तीनों कानूनों को डेढ़ साल स्थगित कर चर्चा करने का प्रस्ताव भी दिया
इन कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव भी दिया है.इस दौरान कमेटी बनाकर सरकार और किसान यूनियनें विचार विमर्श कर सकती हैं. किसान अपने मत से भारत सरकार को अवगत कराएं तब तो बात बने, लेकिन अब तक किसानों की तरफ से ऐसी कोई बात नहीं आई है. इस बारे में फैसला अब किसानों को ही करना है.


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भीड़ इकट्ठी हो जाए तो कानून नहीं हटा करते, आपको कमियां बतानी होंगी
नरेंद्र सिंह तोमर कुछ दिनों पहले ग्वालियर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. तब उन्होंने कहा था कि बातचीत का निर्णय तब होता है, जब आप किसी कानून में कोई आपत्ति बताएं. तीनों कृृषि कानूनों में किसान को नुकसान पहुंचाने वाली कौन सी बात लिखी गई है ये बताओ. डायरेक्ट कहोगे कि कानून हटा दो, तो ऐसा नहीं होता कि भीड़ इकट्ठी जाए और कानून हटा लिए जाएं. आपको बताना पड़ेगा कि कृषि कानूनों में ऐसा कौन सा पॉइंट है जो किसानों के हित में नहीं जाता है.


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