MP NEWS: 10 दिन के भीतर 3 बच्चों की मौत, जागरूकता की कमी से कुप्रथा का शिकार हो रहे मासूम!
Madhya Pradesh News: आदिवासी बाहुल्य संभाग में दगना कुप्रथा तेजी से पैर पसार रही है. शासन प्रशासन के तमाम प्रयास और दावे झूठे साबित हो रहे हैं. शहडोल संभाग में 10 दिन के भीतर 3 मासूम बच्चों की मौत दगना कुप्रथा के कारण हो गई है. रविवार को मेडिकल कॉलेज में अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम के ताराडांड गांव के रहने वाले 3 माह की मासूम की मौत हो गई.
Madhya Pradesh News: आदिवासी बाहुल्य संभाग में दगना कुप्रथा तेजी से पैर पसार रही है. शासन प्रशासन के तमाम प्रयास और दावे झूठे साबित हो रहे हैं. शहडोल संभाग में 10 दिन के भीतर 3 मासूम बच्चों की मौत दगना कुप्रथा के कारण हो गई है. रविवार को मेडिकल कॉलेज में अनूपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम के ताराडांड गांव के रहने वाले 3 माह की मासूम की मौत हो गई. उसे गर्म हंसिया की नोक से 51 बार दागा गया था. गंभीर हालत में मासूम को मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने बताया कि जब बच्ची को अनूपपुर से शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था तो उसकी हालत नाजुक थी. परिजन मासूम का शव पीएम के बाद अपने गांव ताराडांड ले गए.
अनुपपुर जिले के राजेन्द्रग्राम के ताराडाड़ गांव में रहने वाली उषा की तीन महीने की बच्ची को निमोनिया था. बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. इसके बाद परिजनों ने अंधविश्वास के फेर में बच्ची को गर्म हंसिया की नोक से दगवा दिया. हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लेकर पहुंचे. डॉक्टर ने नाजुक हालत को देखते हुए मेडिकल कॉलेज शहडोल के लिए रेफर कर दिया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. इधर, पुलिस ने बच्ची को दागने वाले तांत्रिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
डेढ़ महीने के मासूम ने गंवाई थी जान
कुछ दिन पहले ही बंधवा 1 महीने 15 दिन के बच्चे को सलाखों से दागा गया था. उसके पेट में भी कई जगह दागने के निशान है. हर्षलाल बैगा पत्नी रामबाई बैगा अपने बच्चे राजन को लेकर अपने मायके बकेली गई हुई थी. यहां बच्चे की तबीयत खराब हो गई. पेट में सूजन आने की वजह से बच्चे का इलाज कराने की बजाय बच्चे की मां ने गांव की ही महिला को बुला कर इलाज कराने ले गई थी. दाई ने गर्म चूड़ियों से बच्चे के पेट में 12 से अधिक बार दागा था. इसके बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
इसी दिन हुई थी 3 महीने की रागनी की मौत
इसी दिन एक और मामला सामने आया था. पटासी की 3 महीने की रागनी बैगा की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बच्ची की मौत का कारण डॅाक्टरों ने निमोनिया बताया. इसके अलावा रागनी के पेट में कई निशान भी मिले. यह निशान भी दागने के ही थे. बताया जा रहा था कि बच्ची के पेट में ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां दागने के निशान न हो. मासूम को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी लेकिन गांव में इलाज नहीं मिला जिसके बाद परिजनों ने सलाखों से दगवा दिया था.