प्रमोद सिन्हा/खंडवा: खंडवा के आदिवासी क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं की पोल खोलते हुए बड़ी खबर सामने आई है. खालवा के रामजीपुरा गांव में जननी एक्सप्रेस नहीं मिलने की वजह से एक आदिवासी महिला को सड़क पर डिलीवरी करवानी पड़ी. परिजनों ने जब स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क किया तो कोई उपलब्ध नहीं हुआ. जो स्वास्थ्य कार्यकर्ता थी वह भी हरसूद जाने की जल्दी में थी. 108 और जननी एक्सप्रेस पर संपर्क किया तो बताया गया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है. 


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बता दें कि यह गांव वन मंत्री कुंवर विजय शाह के विधानसभा के अंतर्गत आता है. यहां अधिकांश आबादी जनजातीय है. 


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सड़क पर दिया बच्चे को जन्म
जब प्रसव के दर्द से तड़प रही महिला के परिजनों ने एंबुलेंस न मिलने की वजह से महिला को बाइक पर बैठाया औऱ अस्पताल ले जाने लगे. कभी महिला का दर्द काफी बढ़ गया. जिसके बाद महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. इस दौरान राहगीरों ने महिला की मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचा.


लोगो ने की मदद
जब डिलीवरी हो गई तब परिजनों ने रास्ते से होकर गुजर रही एक वेन को रोका उसे अपनी समस्या बताई, तब इन राहगीरों ने अपनी गाड़ी से उसे अस्पताल पहुंचाया. दरअसल यह लोग अपने काम से सिराली से खंडवा जा रहे थे. उन्होंने प्रसूता की गंभीरता को समझते हुए समय पर महिला को अस्पताल पहुंचाया गया. गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी चुस्त-दुरुस्त है इसकी पोल खुल गई.


ससुर ने लगाया आरोप
वहीं महिला के ससुर ने आरोप लगाते हुए बताया कि बहू के प्रसव पीड़ा हो रही थी. उसे ग्राम के प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया.  हर तरफ कोशिश की लेकिन समय पर सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी.