बालाघाट: 23 मई को बालाघाट जिला अस्पताल में एक साथ चार बच्चों के जन्म की खबर ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. समय से पहले जन्म और बेहद कम वजन के कारण नवजातों के बचने की उम्मीद कम थी. हालांकि करीब 2 माह चले इलाज के बाज बच्चों की हालत में सुधार है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. बच्चों को अस्पताल से डिस्चार्ज के समय एक तरह से जश्न का माहौल था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डिस्चार्ज के समय जश्न का माहौल
जिला अस्पताल बालाघाट में लगभग 29 मई को किरनापुर विकासखंड के ग्राम जराही की एक महिला द्वारा एक साथ 4 शिशुओं को जन्म दिया गया था. इन शिशुओं का जिला चिकित्सालय बालाघाट की गहन शिशु चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में उपचार किया जा रहा था, जिनको गुरुवार को एसएनसीयू से डिस्चार्ज किया गया. डिस्चार्ज के समय जश्न का माहौल था.


उतारी गई शिशुओं की आरती
अस्पताल में शिशुओं की आरती उतारी गई तथा उनके परिजनों को शिशुओं के कपड़े तथा खिलौने उपहार स्वरूप दिए गए. जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ निलय जैन ने बताया कि जन्म के समय इन शिशुओं जा वजन एक किलो से भी कम था तथा इनको सांस लेने में तकलीफ के अलावा अन्य दिक्कतें हो रही थीं. ऐसी स्थिति में शिशुओं के बचना काफी मुश्किल होता है, लेकिन टीम की लगन के कारण आज उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है.


23 मई को एक साथ हुआ था चारो का जन्म
बता दें 23 मई को किरनापुर के गांव जराही निवासी प्रीति पति नंदलाल मेश्राम (26) ने एक साथ चार बच्चों (3 बालक, 1 बालिका) को जन्म दिया था. कुदरत के करिश्में की ये खबर बालाघाट सहित प्रदेशभर में चर्चा में रही. अब बच्चों के सामान्य होने पर परिजनों के साथ डॉक्टरों व टीम के चेहरे पर खुशी और राहत दोनों नजर आ रही है.


LIVE TV