Akshaya Tritiya Importance: क्यों शुभ होता है अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदना, क्या है इसके पीछे कारण?
आज अक्षय तृतीया तिथि की शुरुआत सुबह 05:18 बजे से शुरु हो गई है, जो बुधवार की सुबह 7:32 मिनट तक रहेगी. आज लोग सोने-चांदी का आभूषण खरीदना विशेष फलदायी मानते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्या है कि अक्षय तृतीया के सोना खरीदना या कोई मांगलिक कार्य करना क्यों शुभ होता है. आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण और महत्व?
शुभम शांडिल्य/नई दिल्लीः (Akshaya Tritiya 3 May 2022) सनातन धर्म में हिंदी पंचाग के अनुसार वैशाख माह की शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को यानी अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ तिथि माना जाता है. इस दिन लोग बिना मुहूर्त दिखाए ही मुण्डन, यज्ञोपवीत, और शादी से लेकर मकान, दुकान के उद्घाटन जैसे शुभ काम करते हैं. आज अक्षय तृतीया की तिथि है. आज लोग बाजारों में सोने चांदी की जमकर खरीददारी करेंगे. ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना चांदी-खरीदना बेहद शुभ होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन सोने- चांदी की खरीददारी करना क्यों शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं क्यों माना जाता है अक्षय तृतीया को अबुझ मुहूर्त और क्यों करते हैं सोने की खरीददारी?
सोने चांदी की खरीददारी करना
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजा का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि जो अक्षय तृतीया के दिन मकान, जमीन या सोने चांदी का आभूषण खरीदता है. उसकी संपत्ति अक्षय होती है. अगर आप अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी के आभूषण खरीदकर पूजा घर में देवी लक्ष्मी की प्रतिमा पर अर्पित करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है और वर्ष भर परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है.
क्यों होता है अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना जाता है. इसके पीछे कई पौराणिक कहानियां जुड़ी हुई है. ज्योतिषाचार्यों की माने तो अक्षय तृतीया तिथि की गणना युगादि तिथियों में होती है. भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि के दिन द्वापर युग समाप्त हुआ था, जबकि सतयुग, त्रेता और कलयुग का शुभारंभ हुआ था. अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठें अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. अक्षय तृतीया के दिन ब्रम्ह देव के पुत्र अक्षय कुमार की उत्पत्ति हुई थी. इसलिए इस तिथि का नाम अक्षय तृतीया पड़ा.
क्यों किया जाता है कलश पूजन
अक्षय तृतीया के दिन ही राजा जनक को खेत में हल जोतते वक्त मिट्टी के कलश में सीता जी मिली थीं. इतना ही नहीं अक्षय तृतीया के दिन सागर मंथन की शुरुआत भी हुई थी और इसी दिन उसमें से निकलने वाला अमृत कलश पात्र में भी भरा था. ऐसा माना जाता है कि इस दिन कलश पूजन करने से 33 हजार करोड़ देवी- देविताओं का वास होता है. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन कलश पूजन का विशेष महत्व होता है. बता दें कि आज अक्षय तृतीया तिथि पर आप पूरे दिन कभी भी कोई मांगलिक कार्य या सोने-चांदी के आभूषण की खरीददारी कर सकते हैं.
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अक्षय तृतीया पर दान करें
सनातन धर्म में अक्षय तृतीया के दिन दान अक्षय होता है यानी जिसका क्षय न हो, ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन किसी जरूरतमंद को अन्न का दान करता है. उसका परिवार हमेशा सुखमय होता है. अगर आप अक्षय तृतीया के दिन गुड़, घी, नमक या गाय का दान करते हैं तो आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और आपके घर में कभी क्षय नहीं होता है. अक्षय तृतीया के दिन पवित्र नदी में स्नान कर अनाज, गन्ना, दही, सत्तू, फल, हाथ से चलाने वाले पंखे, अंगवस्त्र इत्यादि का दान देना विशेष फलदायी होता है.
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