40 मिनट की बैठक में अमित शाह ने बूथ मजबूत करने का बताया प्लान, 2023 के लिए जानिए इसके मायने
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40 मिनट की बैठक में अमित शाह ने बूथ मजबूत करने का बताया प्लान, 2023 के लिए जानिए इसके मायने

22 अप्रैल के दौरे में अमित शाह ने प्रदेश बीजेपी मुख्यालय पर संगठन के नेताओं के साथ करीब 40 मिनट तक बैठक की. मिशन-2023 की तैयारी में जुटी प्रदेश बीजेपी को अमित शाह ने चुनावी जीत के कई टिप्स दिए. 

40 मिनट की बैठक में अमित शाह ने बूथ मजबूत करने का बताया प्लान, 2023 के लिए जानिए इसके मायने

भोपाल। 22 अप्रैल को मध्य प्रदेश के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक तरफ जहां शिवराज सरकार की योजनाओं की जमकर तारीफ की तो दूसरी तरफ उन्होंने संगठन को 2023 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से कई अहम टिप्स भी दिए हैं. अमित शाह ने कहा था कि सरकार कितना भी अच्छा काम कर ले, लेकिन चुनाव मजबूत संगठन के दम पर ही जीता जाता है. शाह ने मध्य प्रदेश में बूथ स्तर को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं, जबकि उन्होंने मिशन 2023 की तैयारी में जुटी बीजेपी ने अब बूथ को मजबूत करने के लिए एक नया काम भी सौंपा है. 

40 मिनट की बैठक में बताया प्लान 
दरअसल, 22 अप्रैल के दौरे में अमित शाह ने प्रदेश बीजेपी मुख्यालय पर संगठन के नेताओं के साथ करीब 40 मिनट तक बैठक की. मिशन-2023 की तैयारी में जुटी प्रदेश बीजेपी को अमित शाह ने चुनावी जीत के कई टिप्स दिए. इस बैठक में उन्होंने बूथ को मजबूत करने का प्लान बताया. अमित शाह ने बूथ मजबूत करने के लिए केवल कार्यकर्ताओं को ही नहीं बल्कि मंत्री, विधायक और सांसदों तक को मोर्चे पर लगाने की नसीहत दी. क्योंकि दिग्गजों को भी पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरा जोर लगाना चाहिए. 

कमजोर बूथ की जिम्मेदारी मंत्री विधायक संभाले 
माना जा रहा है कि मंत्री विधायक बूथों पर ज्यादा सक्रिए नहीं रहते. जिससे संगठन कमजोर होता है. ऐसे में कमजोर क्षेत्र वाले बूथों को जिताने की जिम्मेदारी मंत्री-विधायकों सहित सांसद और अन्य दिग्गज नेताओं को दी जाए. सभी को ऐसे बूथों पर लगाया जाए जहां कभी पार्टी को जीत न मिली हो. खास बात यह है कि ऐसे बूथों की संख्या भी ज्यादा है जहां बीजेपी का संगठन कमजोर नजर आता है. ऐसे में अगर दिग्गज नेता पार्टी की नीतियों को अगर जनता तक ले जाएंगे तो बूथ मजबूत होगा और पार्टी को इसका फायदा भी मिलेगा. यानि स्पष्ट है कि दिग्गज नेताओं को अपना रुतबा और अपनी पकड़ अब दिखानी होगी. 

संगठन से सत्ता मजबूत होती है 
दरअसल, अमित शाह ने बैठक में कहा कि जब तक बूथ मजबूत नहीं होता तब तक संगठन मजबूत नहीं होता. ऐसे में चुनाव जीतने के लिए मजबूत बूथ और मजबूत संगठन की जरुरत होती है. इसलिए अभी से इस काम में जुट जाए क्योंकि मध्य प्रदेश में बीजेपी का संगठन देश के सबसे मजबूत संगठनों में से एक है. शाह ने कहा कि संगठन के मजबूत होने से ही सत्ता हमें मिलती रहेगी. इसलिए सत्ता पाने के लिए संगठन का मजबूत रहना जरुरी है. यानि शाह ने स्पष्ट संदेश दिया कि चाहे बड़ा हो या छोटा काम सबको करना पड़ेगा. 

सख्ती से हो मॉनिटरिंग 
इसके अलावा अमित शाह ने कहा कि सभी बूथों की मजबूती से मॉनिटरिंग भी होनी चाहिए. उसमें जिला और मंडल स्तर के सभी लोगों की जिम्मेदारी तय की जाए. एक-एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी मिले. ऐसे में पता चल सकेगा कि किस बूथ पर कितना काम हो रहा है. साथ ही उनकी सक्रियता से बूथ स्तर पर पार्टी को कितना लाभ मिला है. इसकी भी जानकारी संकलित की जाए, इसी आधार पर बूथ की रिपोर्ट बनाई जाएगी. 

सत्ता और संगठन में तालमेल की बताई जरुरत 
अमित शाह ने बैठक में सत्ता और संगठन में तालमेल की महत्ता बताई, हालांकि बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने वीडी शर्मा और सीएम शिवराज के सत्ता संगठन के समन्वय की सराहना भी की. अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से निकलकर आज विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा है, इसलिए इसको बरकरार रखने के लिए आगे भी इसी तरह से सत्ता और संगठन के बीच तालमेल बना रहना चाहिए. इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने संगठन के साथ ही सरकार के कामकाज की जानकारी शाह को दी. 

2023 के लिए हर वर्ग को साधने की तैयारी 
दरअसल, कल भले ही आदिवासियों के लिए आयोजित किए गए तेंदूपत्ता संग्रह के कार्यक्रम में अमित शाह शामिल होने को आदिवासी वर्ग को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन वास्तव में अमित शाह ने बीजेपी के तमाम दिग्गजों को मंच पर जगह देकर हर वर्ग को साधने की कोशिश भी की है. इसके अलावा उन्होंने संगठन की बैठक में भी यही निर्देश दिए हैं कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता मिलकर मिशन-2023 के लिए मिलकर काम करे. यानि अमित शाह 2023 के लिए अब पूरी तरह से नेताओं को सक्रिए करना चाहते हैं, ताकि कही कोई कसर न छूट जाए. 

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