प्रमोद शर्मा/भोपालः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के गिरफ्तार सदस्यों के खिलाफ एटीएस ने शिकंजा कस दिया है. दरअसल पिछले महीने मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पकड़ गए पीएफआई के 21 सदस्यों में से 12 के खिलाफ देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने के चलते धाराएं बढ़ाई गई हैं. बता दें कि पीएफआई के खिलाफ देशभर में छापेमारी की कार्रवाई हुई थी और 100 से ज्यादा पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. 


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दरअसल एटीएस ने पीएफआई के सदस्य नासिर को रिमांड पर लिया था. इस दौरान नासिर ने कबूला है कि वह पीएफआई सदस्यों को ट्रेनिंग देने के लिए भोपाल आता था. इस दौरान वह मध्य प्रदेश के लोगों को पीएफआई की विचारधारा से जोड़ने का काम करता था. नासिर फिलहाल 18 से 27 अक्टूबर तक एटीएस की रिमांड पर है. एटीएस आगे भी नासिर की रिमांड की मांग कर सकती है. पिछले महीने एटीएस ने प्रदेश के 8 जिलों में छापेमारी कर पीएफआई के 21 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के बाद इनमें से 12 सदस्यों के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए धाराएं बढ़ाई गई हैं. 


पीएफआई के जिन सदस्यों के खिलाफ धाराएं बढ़ाई गई हैं, उनमें अब्दुल रऊफ, मोहसिन कुरैशी, इमरान तंवर, साकिर खान, मोहम्मद शमशाद, तौसीफ छीपा, शहजाद बेग, ईशाक खान, जुबेर खान, मोहम्मद आकिब, ख्वाजा हुसैन, यूसुफ मौलानी का नाम शामिल है. 


पीएफआई के सदस्य राज्य में अपने संगठन के नेटवर्क के फैलाने में जुटे थे. इतना ही नहीं युवाओं को पीएफआई का प्रचार प्रसार करने के लिए 40 हजार रुपए महीने की सैलरी भी दी जाती थी. राज्य के 25 जिलों में पीएफआई के नेटरवर्क का पता चला है. वहीं श्योपुर, बुरहानपुर, इंदौर, खंडवा, उज्जैन पीएफआई के हॉटस्पॉट बनकर उभरे हैं. इन 5 जिलों में पीएफआई का संगठन काफी फैल चुका है और हजारों लोग इस संगठन से जुड़ चुके हैं.