प्रदीप शर्मा/भिंड: जिले के खनेता धाम (Khaneta Dham) में कल यानी 30 जनवरी से से 6 फरवरी तक आयोजित होने वाले सनातन धर्म महासम्मेलन (Sanatan Dharma Maha Sammelan) की तैयारियां पूर्ण हो चुकी है. यहां होने वाले विशाल संत समागम में चारों पीठाधीश्वर शंकराचार्य, सभी रामानंदाचार्य, रामानुजाचार्य, सभी निंबार्काचार्य, द्वाराचार्य, (Bageshwar Dham) बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, कनकेश्वरी देवी, नृत्यगोपाल दास महारज के साथ-साथ कई और विद्वानों की वाणी से आम जन को कथा का लाभ मिलेगा. 


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निकाली गई भव्य कलश यात्रा
30 जनवरी से सनातन धर्म महासम्मेलन के अंतर्गत सात दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी. आज गोहद कस्बे में विशाल कलस और शोभा यात्रा का आयोजन किया गया. जिसमें एक दर्जन से अधिक बैंड बाजों के साथ विशाल और भव्य कलश यात्रा निकाली गई. कलश यात्रा में भागवत कथा श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. शोभा यात्रा की शुरुआत गोहद के ऐतिहासिक चक्रधारी मंदिर से शुरू होकर इटायली गेट और सदर बाजार होते हुए चक्रधारी मंदिर पर जाकर समाप्त हुई. इसके उपरांत कलश यात्रा कार्यक्रम स्थल खनेता गांव में निकाली गई जिसमें आसपास के कई गांव के महिला और पुरुषों ने भाग लिया.


ये विद्धान होंगे शामिल
30 जनवरी से 6 फरवरी तक सात दिवसीय खनेता धाम के रघुनाथ मंदिर पर ऐतिहासिक सनातन धर्म सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. खनेता धाम मध्य प्रदेश का पहला एकमात्र स्थान है, जहां पर चारों पीठों के पीठाधीश्वर शंकराचार्य ओर देश भर की धर्म विभूतियां एक मंच पर एकत्रित होंगी. यहां जगन्नाथ पुरी के शंकराचार्य, गोवर्धन मठ शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी महाराज, जोशीमठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद, भानुपुरा पीठ के शंकराचार्य ज्ञानानंद, प्रयागराज से ओंकारानंद शंकराचार्य सलेमाबाद से निंबार्काचार्य श्रीजी चित्रकूट कामदगिरि महाराज रामानंदाचार्य वल्लभाचार्य महाराज, अयोध्या से राम दिनेशाचार्य महाराज, वासुदेवानंद विद्या भास्कर, बागेश्वर धाम से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी, कनकेश्वरी देवी,अयोध्या स्थित छावनी सरकार नृत्यगोपाल दास के अलावा तीन दर्जन से अधिक धर्म प्रवक्ता मंच पर एकत्रित होकर सातों दिन प्रवचन करेगें और यहां लोगों को अद्भुत कथा श्रवण का लाभ मिलेगा.


जानिए पूरा कार्यक्रम
कार्यक्रम में भागवत कथा का आयोजन, शतचंडी यज्ञ, 108 कुंडीय राम महायज्ञ और पधारे हुए विद्वानो द्वारा भागवत कथाओं का वर्णन किया जायेगा. कार्यक्रम में प्रतिदिन 1 से लेकर 2 लाख तक श्रद्धालुओं की पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है, खनेता धाम महंत राम भूषण दास महाराज ने बताया कि कलश और शोभा शोभायात्रा का गोहद से निकालने के पीछे उनका उद्देश्य यह है कि गोहद वह जगह है, जहां भगवान श्रीकृष्ण अपनी गायों को चराने के लिए जाते थे और वह उनकी आखिरी हद थी. इसी वजह से इस कस्बे का गोहद नाम पड़ा, लिहाजा जहां भगवान की चरण रज पड़ी वहीं से कलश यात्रा की शुरुआत की है.


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