Bhopal Name Will Change: प्रमोद शर्मा/भोपाल। रामचरित मानस पर मचे घमासान को लेकर बाघेश्वर धान के संत धीरेंद्र शास्त्री के गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Jagadguru Rambhadracharya) का बयान सामने आया है. उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को मूर्ख बताया है. साथ ऐसे लोगों के लिए दंड विधान की मांग की. रामभद्राचार्य ने कहा कि ऐसे लोगों के दंड की व्यवस्था की जा रही है. रामभद्राचार्य ने सीएम शिवराज (CM Shivraj Singh Chauhan) से मिलने के बाद भोपाल के नाम बदलने को लेकर बड़ी बात कही है.


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क्या बदल जाएगा भोपाल का नाम!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने के बाद स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि भोपाल का नाम भोजपाल करने पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई है. उन्होंने मुझसे इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखने की बात कही है. बता दें कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से मुलाकात की थी. बीते दिन उन्होंने भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल करने की मांग की थी.



अगर अब सीएम स्वामी जी के मांग पर पीएम को पत्र लिखते हैं और इसपर प्रधानमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्रालय की सहमती मिलती है तो नाम बदलने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. इससे बाद राजपत्र में सूचना प्रकाशन के साथ अन्य कार्य किए जाएंगे.


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मूर्खों के लिए हो रही है दंड की व्यवस्था
जी मीडिया से बात करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि रामचरितमानस की प्रतियां जलाना दुर्भाग्यपूर्ण है. स्वामी प्रसाद मौर्य और बिहार के शिक्षा मंत्री मूर्ख हैं. ये ऐसे लोग जिन्हें रामायण का क, ख, ग भी नहीं आता. ऐसे लोगों के दंड की व्यवस्था की जा रही है. भगवान भी दंड देंगे मैं भी दंड दूंगा.


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जिन्हें प्रमाण चाहिए मुझे देखें
स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा संतों पर सवाल खड़े करने वाले हिंदुओं के जयचंद हैं. जिन्हें प्रमाण चाहिए वह मुझे देख लें. मैं देख नहीं सकता, लेकिन डेढ़ लाख पन्ने मुझे कंठस्थ है. मैंने हजारों बार बताया यहां ताड़न का अर्थ शिक्षा है. ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी है. मतलब सभी शिक्षा के अधिकारी हैं. अर्ध ज्ञानी लोग इसका गलत अर्थ प्रचारित करते हैं.


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कुछ दिनों पहले रखी थी शर्त
रामभद्राचार्य ने कुछ दिन पहले कहा था कि भोपाल का नाम भोजपाल नहीं होता तब तक अगली बार कथा करने नहीं आऊंगा. उन्होंने कहा कि भोजपाल नगरी के राजा भोज पालक थे. जब सरकार होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम कर चुकी है. इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो गया है. फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है तो भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल क्यों नहीं किया जा सकता.


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