MP के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, नवनियुक्त शिक्षक भी कर सकेंगे ट्रांसफर के लिए आवेदन
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MP के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, नवनियुक्त शिक्षक भी कर सकेंगे ट्रांसफर के लिए आवेदन

MP New Transfer Policy: सरकार ने ये भी प्रावधान किया है कि अब शिक्षकों को ग्रामीण इलाकों में सेवा देना अनिवार्य होगा और कई सालों से शहरी इलाकों में डटे शिक्षकों का भी तबादला किया जाएगा.

MP के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, नवनियुक्त शिक्षक भी कर सकेंगे ट्रांसफर के लिए आवेदन

आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश में नवनियुक्त शिक्षकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल अब नवनियुक्त शिक्षक भी ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे. अभी तक नवनियुक्त शिक्षकों का ट्रांसफर नही किया जाता था लेकिन अब मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने पहली बार प्रोबेशन पीरियड में भी नवनियुक्त शिक्षक को ट्रांसफर के लिए आवेदन देने का आदेश जारी कर दिया है. 

आदेश के अनुसार, नवनियुक्त शिक्षक आपस में एक दूसरे की जगह ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे. हालांकि नवनियुक्त टीचर और पहले से पदस्थ टीचर के बीच आपस में ट्रांसफर नहीं हो सकेंगे. नवनियुक्त शिक्षकों की परस्पर वरीयता उनकी टीईटी रैंक के आधार पर निर्धारित होगी. बता दें कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 30 सितंबर से स्थानान्तरण प्रक्रिया जारी कर दी है. जो शिक्षक ट्रांसफर लेना चाहते हैं, वो 10 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं. 

सरकार ने ये भी प्रावधान किया है कि अब शिक्षकों को ग्रामीण इलाकों में सेवा देना अनिवार्य होगा और कई सालों से शहरी इलाकों में डटे शिक्षकों का भी तबादला किया जाएगा. नवनियुक्त शिक्षकों को पहले 3 साल ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति दी जाएगी. नवनियुक्त शिक्षकों को पहले 3 साल ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति दी जाएगी. वहीं अपने पूरे सेवाकाल के दौरान कुल 10 साल तक शिक्षकों को अब ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती मिलेगी. जो शिक्षक 10 साल या उससे भी ज्यादा समय से एक ही जगह टिके हैं, उन्हें ग्रामीण इलाकों में उन जगह तैनाती दी जाएगी, जहां शिक्षकों की कमी है.

हर साल शिक्षकों के तबादले 31 मार्च से 15 मई के बीच होंगे. हालांकि हर साल नई ट्रांसफर पॉलिसी नहीं बनाई जाएगी. अधिसूचना के द्वारा ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन किए जाएंगे. स्वैच्छिक तबादलों के लिए भी ऑनलाइन आवेदन करना होगा. नई ट्रांसफर नीति के तहत पहले प्रशासनिक स्थानांतरण और फिर स्वैच्छिक स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जाएगी. ऐसे शिक्षक, जिनकी सेवानिवृत्ति में तीन साल का समय ही बचा है और गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो उन्हें ट्रांसफर प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा. शिक्षकों को निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ पदस्थ नहीं किया जाएगा.  

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